अंटार्कटिका में पर्यटन को विनियमित करने का लिया गया निर्णय, पर्यावरण क लेकर भारत ने कही ये बात

0 33

अंटार्कटिका में बढ़ती मानवीय गतिविधियों पर चिंता के बीच यहां पर्यटन और गैर-सरकारी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी, व्यापक और लचीला ढांचा विकसित करने का निर्णय लिया गया।

56 राष्ट्रों वाले 46वें अंटार्कटिक संधि परामर्श तंत्र (एटीसीएम) ने अंटार्कटिका के लिए 17 संशोधित और नई प्रबंधन योजनाओं को भी अपनाया। इसे लेकर 20 मई को कोच्चि में शुरू हुई बैठक गुरुवार को संपन्न हुई।

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि भारत जल्द ही अंटार्कटिका में मैत्री-द्वितीय अनुसंधान स्टेशन की स्थापना के लिए एक व्यापक पर्यावरण मूल्यांकन प्रस्तुत करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत में 46वें एटीसीएम और 26वें सीईपी की सफल मेजबानी अंटार्कटिका के अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा और वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के हमारे संकल्प को रेखांकित करती है। बातचीत, सहयोग और ठोस कार्रवाई के माध्यम से हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाली पीढि़यों के लिए अंटार्कटिका शांति, विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बना रहे।

बैठक में कई महत्वपूर्ण अंटार्कटिक मामलों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान प्रमुख गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन को बढ़ाने, पेंगुइन की रक्षा और अंटार्कटिका में पर्यावरण निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय ढांचा विकसित करने पर आगे काम करने को प्राथमिकता देने पर समिति सहमत हुई।

Leave A Reply

Your email address will not be published.