कल से प्राइमरी स्कूल बंद, 50% सरकारी कर्मचारी करेंगे WFH, जानें- प्रदूषण से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार के इंतजाम
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति द्वारा अनुशंसित प्रतिबंधों को लागू करने का निर्णय लिया है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण-रोधी उपायों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए समिति का गठन किया है. साथ ही दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारी ‘घर से काम’ (वर्क फ्रॉम होम) करेंगे, निजी कार्यालयों से भी इसका अनुसरण करने की सलाह दी गई है.
दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- दिल्ली में हॉटस्पॉट्स पर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा.
- राजस्व आयुक्त बाजारों और कार्यालयों के लिए समयबद्ध योजना तैयार करेंगे.
- 50% दिल्ली सरकार के कर्मचारी घर से काम करें, निजी कार्यालयों को भी ये नियम पालन करने की सलाह दी गई है.
- दिल्ली सरकार ने प्रदूषण विरोधी प्रतिबंधों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 6 सदस्यीय पैनल का गठन किया है.
- देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए प्राइमरी स्तर तक के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज इसका ऐलान किया है.
बता दें राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 9.30 बजे 426 रहा. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि सुबह 8.30 बजे सापेक्षिक आर्द्रता 92 प्रतिशत थी. आनंद विहार और जहांगीरपुरी राजधानी में सबसे प्रदूषित स्थान रहे, जहां एक्यूआई क्रमश: 471 और 485 रहा. जिन क्षेत्रों में ‘गंभीर’ एक्यूआई दर्ज किया गया है, वे हैं-अलीपुर (475), अशोक विहार (470), बवाना (482), बुराड़ी (460), डीटीयू (446), द्वारका (474), आईटीओ (438), मुंडका (476), नरेला (477), नेहरू नगर (482), पटपड़गंज (435), रोहिणी (474), सोनिया विहार (472), विवेक विहार (471) और वजीरपुर (475).
400 से ऊपर का एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.