Delhi Pollution: दिल्ली को फिलहाल प्रदूषण से राहत नहीं, इन इलाकों में खतरनाक श्रेणी में AQI; गैस चैंबर जैसे बने हालात

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राजधानी में शनिवार को प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ। फिर भी दिसंबर के दूसरे दिन भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रही।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी एयर इंडेक्स 300 से अधिक होने के कारण हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में अगले छह दिन तक हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। हालांकि रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 370 रहा। परंतु यह भी गंभीर श्रणी में दर्ज किया जाता है। ऐसे में दिल्ली को प्रदूषण से राहत के आसार फिलहाल अभी नहीं है।

इन इलाकों की आबोहवा अभी भी ‘गंभीर’ श्रेणी में
दिल्ली के कई इलाको में अभी भी हवा गंभीर श्रेणी में है। दिल्ली के विवेक विहार में एक्यूआई 349 दर्ज किया गया। तो नेहरू नगर में 363 दर्ज किया गया। सोनिया विहार में 326 तो नेहरु नगर में 363 एक्यूआई दर्ज किया गया है। आईटीओ समेत अन्य सेंट्रल इलाकों का एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया है।

बवाना- 313
बुराड़ी-322
करणी सिंह शूटिंग एरिया-336
द्वारका सेक्टर-343
आईजीआई एयरपोर्ट 301
आईटीओ दिल्ली-325
गैस चैंबर में तब्दील दिल्ली

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली का औसत एक्यूआई रविवार को (Delhi AQI) 370 दर्ज किया गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में पहुंच चुका है। आनंद विहार में एक्यूआई 388, अशोक विहार में 386, लोधी रोड में 349, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366 दर्ज किया गया है।

दिल्ली प्रदूषण में नंबर वन
दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए पूरे जोर शोर के साथ जुटी हुई है। लेकिन देश की राजधानी अभी भी अन्य शहरों में कहीं अधिक प्रदूषित है। नवंबर में भी यही स्थिति बरकरार रही। रेस्पिरर रिपोर्टस ने नवंबर के प्रदूषण पर देश के 11 शहरों का विश्लेषण जारी किया है। इसमें बताया गया है कि दिल्ली के अलावा भोपाल, चंडीगढ़ और गांधीनगर में भी पिछले पांच सालों के दौरान नवंबर 2023 सबसे अधिक प्रदूषित रहा। सबसे ज्यादा प्रदूषण राजधानी का ही सामने आया है।

दिल्ली में नवंबर 2023 में पीएम 2.5 का स्तर 240 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों से यह 48 गुना अधिक है। इसके साथ ही यह नवंबर 2023 की तुलना में 32.9 प्रतिशत और 2019 की तुलना में 17.8 प्रतिशत अधिक रहा। रिपोर्ट में विशेष रूप से सर्दियों के दौरान लोगों पर वायु गुणवत्ता में गिरावट के गहरे प्रभाव पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें शामिल 40 प्रतिशत लोगों ने सर्दियों के दौरान अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी पहले से मौजूद श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना किया।

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