भीषण गर्मी से झुलसी दिल्‍ली, नजफगढ़ में 46.7 डिग्री तक पहुंचा तापमान

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दिल्‍ली में तापमान रोजाना नए रिकॉर्ड बना रहा है. राष्ट्रीय राजधानी के 22 मौसम केंद्रों में से सात में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किए जाने के साथ दिल्ली के कुछ हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं.

यहां नजफगढ़ में तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. दिल्‍ली के कई अन्‍य स्‍थानों पर भी अधिकतम तापमान मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 46 डिग्री के स्‍तर को पार कर गया. हालांकि शाम को हालांकि 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली धूल भरी हवाओं और आसमान में छाए बादलों ने उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत दी. बुधवार दोपहर या शाम को बादल छाए रहेंगे और इस दौरान आंधी व हल्की बारिश की संभावना है.

दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है. मध्य दिल्ली के रिज क्षेत्र में पारा 45.1 डिग्री, जाफरपुर में 45.2 डिग्री, नरेला में 45.2 डिग्री, पीतमपुरा में 46.1 डिग्री, पूसा में 45.7 डिग्री और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर सक्रिय एक पश्चिमी विक्षोभ बुधवार को उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं लाएगा. इसके परिणामस्वरूप बृहस्पतिवार तक अधिकतम तापमान कम होकर 36 डिग्री सेल्सियस तक आ जाएगा.

इस महीने की शुरुआत में, मौसम कार्यालय ने मई में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम अधिकतम तापमान और कम लू वाले दिनों की भविष्यवाणी की थी.

आईएमडी द्वारा दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में थोड़ी देरी की आशंका के साथ अधिकतम तापमान लंबे समय तक सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है.

90 फीसदी इलाका खतरे के दायरे में’
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लू जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार और अधिक गंभीर होती जा रही हैं. अध्ययन के मुताबिक देश का 90 प्रतिशत से अधिक इलाका “बेहद सतर्कता” वाली श्रेणी या उनके प्रभावों के “खतरे के दायरे” में हैं.

बिजली की मांग में इजाफा
अधिकारियों ने कहा कि गर्मी के मौसम में दिल्ली में बिजली की मांग मंगलवार को बढ़कर 6,916 मेगावाट हो गई, जो इस सीजन में अब तक की सबसे अधिक मांग है. उन्होंने कहा कि शहर में पिछली गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 7,695 मेगावाट दर्ज की गई थी और इस साल यह 8,100 मेगावाट तक पहुंच सकती है.

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