दिल्ली में 24 अक्टूबर की सुबह तक वायु गुणवत्ता के ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी के निचले स्तर तक रहने के आसार हैं.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) की ओर से यह दावा किया गया है. एसएएफएआर (सफर) के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हवाएं 24 अक्टूबर से दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगी और पूरी संभावना है कि यह अपने साथ दिल्ली में पराली जलाये जाने से संबंधित उत्सर्जन लाएंगी.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 24 घंटों का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार को 265 अंक के साथ खराब श्रेणी में दर्ज किया गया, क्योंकि राजधानी के कई हिस्सों में लोगों ने पटाखा फोड़ने पर लगाई गई पाबंदी का उल्लंघन किया.
एक्यूआई सूचकांक यदि शून्य से 50 के बीच रहे तो इसे अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 तक का स्तर संतोषजनक है. 101 से 200 तक का स्तर मध्यम, 201 से 300 तक के स्तर को खराब और 301 ये 400 तक के स्तर को बहुत खराब श्रेणी में रखा जाता है. एक्यूआई सूचकांक यदि 401 और 500 के बीच है, तो यह गंभीर स्थिति को दर्शाता है.
सफर की ओर से कहा गया कि यदि पराली जलाने की घटना धीरे-धीरे बढ़ती है, जिसके आसार हैं, तो दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में इसका योगदान 23 अक्टूबर तक पांच फीसदी, 24 अक्टूबर को आठ फीसदी और 25 अक्टूबर को 16 से 18 फीसदी हो जाएगा.
सफारी ने आगे अनुमान लगाया है कि यदि अन्य कारणों के साथ पटाखे जलाने से भी उत्सर्जन होता है तो 23 अक्टूबर को दिल्ली की वायु गणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच सकती है, जो अगले दो दिन (24 अक्टूबर और 25 अक्टूबर) तक बरकरार रह सकता है. यह भी अनुमान लगाया गया कि वायु गुणवत्ता 26 अक्टूबर की सुबह तक थोड़ा सुधरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी के निचले स्तर तक पहुंच सकती है.
दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. मौसम विभाग के मुताबिक, दिन के समय आसमान साफ रहने की संभावना है. आईएमडी के मुताबिक अधिकतम तापमान 32 डिग्री के आसपास रहने के आसार हैं. दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 83 प्रतिशत दर्ज की गई.