कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कहा है कि कर्नाटक अदाणी ग्रुप के निवेश के लिए खुला है.
उद्योग मंत्री ने एक निजी समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वो अदाणी ग्रुप को “प्रस्तावों के साथ आने” के लिए समय देंगे. एमबी पाटिल ने कहा कि जब कोई उद्योगपति उद्योग स्थापित करने के लिए आएगा, तो हम उनके प्रस्तावों पर विचार करेंगे. वे (अदाणी ग्रुप) ने अभी कुछ भी वादा नहीं किया है. हम उन्हें प्रस्तावों के साथ आने का समय देंगे.
उद्योग और बुनियादी ढांचा मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि कर्नाटक अदाणी ग्रुप से निवेश के खिलाफ नहीं है. पाटिल नवंबर 2022 में आयोजित ‘इन्वेस्ट कर्नाटक शिखर सम्मेलन’ के दौरान अदाणी ग्रुप द्वारा किए गए आश्वासनों पर सवालों का जवाब दे रहे थे. अदाणी ग्रुप ने अगले सात वर्षों में कर्नाटक में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था. एमबी पाटिल ने कहा, “हमें निवेश की सीमा पर स्पष्टता मिलेगी, जो विभाग की अगली बैठक में अमल में आएगी.
इधर, पूरे मामले पर बीजेपी के पूर्व विधायक सीटी रवि ने कांग्रेस पर दोहरेपन का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों पर अदाणी समूह के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी अभियान चलाते हैं, तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार अदाणी ग्रुप से निवेश की बात करती है.
हालांकि, राज्य के ज्यादातर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जो निवेश पारदर्शी हो और राज्य के हित में हो, उनका स्वागत किया जाना चाहिए. निवेश अदाणी ग्रुप से है या किसी और से… इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस के भीतर ऐसे कई नेता हैं, जिन्होंने सवाल किया है कि क्या अदाणी ग्रुप के खिलाफ एक मजबूत अभियान का चुनावी फायदा होगा?
पिछले साल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘इन्वेस्ट राजस्थान शिखर सम्मेलन’ गौतम अदाणी की प्रशंसा करते हुए कहा था, “गुजरात ने अब धीरूभाई अंबानी और गौतम भाई जैसे महान उद्योगपति और व्यवसायी दिए हैं”. उन्होंने कहा कि अदाणी हों या अंबानी या गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह राजस्थान सभी का स्वागत करेगा, क्योंकि वह निवेश और रोजगार चाहता है.
बीजेपी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, “यह एक निजी कार्यक्रम नहीं है, यह एक निवेशकों का शिखर सम्मेलन है. क्या 3000 प्रतिनिधि जिन्होंने शिखर सम्मेलन में भाग लिया… वो सभी कांग्रेस के हैं?”
बता दें कि अदाणी ग्रुप का छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में बड़ा निवेश है. कर्नाटक सरकार को भी अदाणी ग्रुप से इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर निवेश की उम्मीद है.