Anantnag Encounter: 72 घंटे से जारी मुठभेड़, घने जंगल-गुफाएं बनी बाधा; आतंकियों के खात्मे के लिए अभियान शुरू
जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के जंगल में 72 घंटे से जारी मुठभेड़ में आतंकियों को मार गिराने के लिए कड़ा प्रहार किया जा रहा है।
शुक्रवार को पहाड़ी पर घने पेड़ों की ओट में छिपे आतंकियों और उनके ठिकाने पर राकेट लांचर और हेक्साकाप्टर ड्रोन से बम दागे गए। हालांकि देर शाम तक किसी आतंकी के मारे जाने या पकड़े जाने की सूचना नहीं मिली है। घेराबंदी में फंसे आतंकियों की संख्या दो से तीन बताई जा रही है।
अभियान की निगरानी
आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच रुक-रुककर गोलीबारी हो रही है। इस बीच, मुठभेड़ के दौरान लापता हुए एक जवान का पार्थिव शरीर मिलने के साथ बलिदान होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या चार हो गई है। चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, विक्टर फोर्स के कमांडर मेजर जनरल बलवीर सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह समेत सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग
यह मुठभेड़ वर्ष 2020 के बाद से कश्मीर में अब तक की यह सबसे लंबी मुठभेड़ है। शुक्रवार सुबह जवानों ने आतंकियों को मार गिराने का अभियान दोबारा शुरू किया। अभियान में सेना का पैरा कमांडो दस्ता भी शामिल है। जैसे ही जवान पहाड़ी पर आतंकी ठिकानों की तरफ बढ़े, आतंकियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 40 मिनट तक आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग हुई है। लगभग ढाई घंटे बाद सुबह 11 बजे दोबारा आतंकियों और जवानों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। दोपहर दो बजे एक बलिदानी सैनिक का पार्थिव शरीर मुठभेड़स्थल से नीचे लाया गया।
आतंकी ठिकाने की तलाश के दौरान शुरू हुई थी मुठभेड़
अनंतनाग के गडोल में मुठभेड़ मंगलवार रात करीब एक बजे शुरू हुई थी। जब वहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर पुलिस और सेना की 19 आरआर के जवानों ने तलाशी अभियान चलाया था। आतंकियों ने गांव के बाहरी छोर पर स्थित पहाड़ी पर ठिकाना बना रखा है। बताया जाता है कि सुरक्षाकर्मी एक ओवरग्राउंड वर्कर को साथ लेकर ठिकाने की तरफ लेकर जा रहे थे कि आतंकियों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया, जिसमें सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बलिदान हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान पांच जवान जख्मी भी हुए और एक लापता था, जिसकी शुक्रवार को पार्थिव शरीर मिलने की बात कही जा रही है।
आतंकियों के खात्मे के साथ खत्म होगा अभियान
एडीजीपी विजय कुमार ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है। यह आतंकियों के खात्मे के साथ ही खत्म होगा। उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी दावा कर रहे हैं कि आतंकी पहले से ही घात लगाकर बैठे थे, जो सही नहीं है। यह अभियान एक पक्की सूचना के आधार पर शुरू किया गया था। आतंकियों को घेर लिया गया है। उन्हें मार गिराने की कार्रवाई जारी है।