SC: गैर पुश्तैनी भूमि अधिग्रहण में देना होगा बराबर मुआवजा, शीर्ष अदालत ने खारिज किया ग्रेटर नोएडा का वर्गीकरण
सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मुआवजे के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी भूस्वामियों के वर्गीकरण को खारिज कर दिया। कहा, स्वामित्व कैसा भी हो, मुआवजा बराबर ही देना होगा।
जस्टिस कृष्ण मुरारी व जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम में ऐसे वर्गीकरण के आधार पर अलग-अलग मुआवजे की परिकल्पना नहीं है। इसमें शामिल शरारती तत्व को हटाया जा सकता है। वहीं, पुनर्वास के उद्देश्य के लिए मुआवजे की मांग पर अधिकारियों के फैसले का शेष हिस्सा कानून के तहत मान्य रहेगा।
संबंधित क्षेत्र के सभी भूस्वामियों को अनुग्रह राशि का भुगतान और बढ़ी हुई आधार राशि दी जाएगी। पीठ ने कहा, किसी तरह के अंतर के दावे को तर्कसंगत साक्ष्यों से सिद्ध करना होगा। वर्गीकरण का अधिसूचना के उद्देश्य से तर्कसंगत संबंध है तो इसे मूल कानून से वैध करार दिया जाना चाहिए।
यह था वर्गीकरण
नोएडा प्राधिकरण ने 1998 में किए वर्गीकरण में पुश्तैनी भूस्वामियों को पुनर्वास बोनस और अधिग्रहित भूमि के 10% क्षेत्र पर दिए गए 15% मुआवजे के साथ 3 रुपये प्रति वर्ग गज के आधार से अतिरिक्त मुआवजा दिया गया था। गैर पुश्तैनी भूस्वामियों को इससे वंचित रखा गया था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी इस वर्गीकरण को लागू किया।