कठघरे में एनटीए: बगैर किसी जांच-परख के होता है परीक्षा केंद्रों का चयन, सेंटरों पर मानकों के तहत नहीं होते सुरक्षा के इंतजाम

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नीट-यूजी, यूजीसी-नेट या फिर राष्ट्रीय स्तर की कोई दूसरी परीक्षा हो। इनका आयोजन वैसे तो पूरे देश भर में होता है लेकिन ज्यादातर गड़बडि़यां दिल्ली, हरियाणा, बिहार जैसे कुछ राज्यों में और उनके गिने-चुने परीक्षा केंद्रों में ही देखने को मिलती है।

यह इत्तेफाक नहीं बल्कि एक सुनियोजित प्रक्रिया का हिस्सा है। जिसे परीक्षा कराने वाली निजी कंपनियों और एनटीए के अमले के साथ मिलकर परीक्षा माफिया बहुत चालाकी से अंजाम देता है। परीक्षा में गड़बड़ी के इस पूरे खेल की शुरूआत परीक्षा केंद्रों के चयन के साथ ही हो जाती है। जो बगैर जांच-परख के सिर्फ निजी कंपनियों के हवाले ही छोड़ दिया जाता है। ऐसे में परीक्षा माफिया कुछ ऐसे शहरों और जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने में सफल हो जाता है, जो दूर- दराज या ऐसी गली- मोहल्लों में होते है, जहां पहुंचना सरल नहीं होता है। बड़े अधिकारी ऐसे स्थानों पर जाने से बचते हैं।

ऐसे दिया जाता है काम को अंजाम
खासबात यह है इस पूरे खेल को अंजाम ज्यादातर ऐसे जिलों व शहरों में दिया जाता है, जहां परीक्षा का एक ही केंद्र होता है। छात्रों के भविष्य से जुड़ी इन परीक्षाओं में परीक्षा माफिया की संलिप्तता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि वह देश के कई हिस्सों में भारी निवेश कर ऐसे परीक्षा केंद्र तैयार करते है। जिसमें अपने ही किसी एक व्यक्ति को उनका इंचार्ज बनाते है। जिन्हें टीसीआइ ( टेस्ट सेंटर इंचार्ज) कहा जाता है। बाद में निजी कंपनियों के साथ वे मिलकर उसे परीक्षा केंद्र बना देते है।

इन कंपनियों को परीक्षाओं के आयोजन का ठेका दिया जाता है
सूत्रों की माने तो परीक्षा माफिया ने मौजूदा समय में देश के कोने-कोने तक में यानी लेह (लद्दाख), पुंडुचेरी और नार्थ-ईस्ट के राज्यों में भी भवन लेकर अपने परीक्षा केंद्र बना रखे है। जहां वह इन गड़बडि़यों को आसानी से अंजाम देते है। इन परीक्षाओं से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए ) के पास परीक्षा केंद्रों के चयन का अपना कोई तंत्र नहीं है, बल्कि उनकी पूरी निर्भरता उस निजी कंपनी पर ही रहती है, जिन्हें परीक्षाओं के आयोजन का ठेका दिया जाता है।

एनटीए सिर्फ निजी कंपनी को एक सूची देता है, जिसमें किस शहर या जिले के लिए कितने छात्रों ने परीक्षा केंद्र की मांग की है, वह जानकारी होती है। उसके आधार पर निजी कंपनी उस शहरों में उतनी क्षमता के परीक्षा केंद्रों का चयन करती है और बाद में उसकी सूची एनटीए को दे देती है। इसके आधार पर ही बाद में एनटीए छात्रों के प्रवेश पत्र जारी कर देता है।

यानी बगैर जांच-परख के एनटीए की ओर से परीक्षा केंद्र छात्रों को आवंटित कर दिए जाते है। इतना ही नहीं, इन परीक्षा केंद्रों पर गड़बडि़यों को रोकने के तय सुरक्षा मानकों का भी ठीक तरीके से पालन नहीं किया जाता है। यानी प्रत्येक कमरे में दो कैमरे लगाए जाने है तो वह एक से ही काम चलाते है। कैमरों की गुणवत्ता भी ठीक नहीं रहती है। नीट-यूजी परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा इंतजाम को लेकर कराए गए एक थर्ड पार्टी सर्वे में भी यह खुलासा हुआ है।

कैसे होती है गड़बड़ियां?
परीक्षा माफिया की ओर से परीक्षा में गड़बडि़यां कई स्तरों पर की जाती है। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा से जुड़ी हर गतिविधि पर इन माफियाओं की नजर पूरे साल भर रहती है। यानी किसी एजेंसी को कौन सी परीक्षा का जिम्मा मिला है। किस जिलों में किस केंद्र को परीक्षा केंद्र बनाना है। साथ ही इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की पहले से ही तलाश की जाती है।

उन्हें परीक्षा पास कराने की गारंटी दी जाती है। बदले में पैसे की डील की जाती है। इसके बाद जैसे ही परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होता है, तो वह छात्रों को उन्हीं शहरों के लिए परीक्षा का विकल्प देते है, जहां उनके सेंटर होते है। वह भी एक मात्र सेंटर होता है। यानी यदि छात्रों ने उस शहर में परीक्षा देने का अपना पहला विकल्प भरा तो यह तय हो जाता है कि उनकी परीक्षा उसी सेंटर पर होगी।

एनटीए की प्रत्येक जिले में अपना सेंटर बनाने की योजना नहीं चढ़ने दी परवान
परीक्षाओं में होने वाली गड़बडि़यों से एनटीए बेखर है ऐसा भी नहीं है, लेकिन उसके पास विकल्प नहीं है। हालांकि इन विकल्पों को तैयार करने की पहल शुरू की गई है। जिसमें एनटीए ने अपने ऊपर परीक्षाओं के बढ़ते दबाव के चलते प्रत्येक जिले में अपना एक परीक्षा सेंटर बनाने की योजना बनाई थी। सूत्रों की मानें तो वहां वर्षों से जमें यानी सेवानिवृत्त होने के बाद भी संविदा पर काम कर रहे अमले ने निजी कंपनियों के साथ ही अपनी सांठगांठ के चलते उस योजना को आगे ही नहीं बढ़ने दिया।

571 शहरों में हुई थी नीट-यूजी की परीक्षा
एनटीए की सबसे बड़ी परीक्षाओं में नीट-यूजी है। जिसमें 24 लाख छात्रों ने अपने रजिस्ट्रेशन किए थे। यह परीक्षा देश के 571 शहरों के 4750 परीक्षा केंद्रों के साथ ही देश के बाहर भी 14 शहरों में आयोजित की गई थी। वहीं हाल ही में गड़बड़ी मिलने के बाद रद हुई यूजीसी नेट की परीक्षा भी इस बार 317 शहरों के 1205 केंद्रों पर आयोजित की गई थी।

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