नैंसी पेलोसी की यात्रा के वक्त चीन के 21 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुसे
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) की द्वीप की यात्रा को लेकर तनाव बढ़ गया है. पेलोसी 25 वर्षों में द्वीप का दौरा करने वालीं सर्वोच्च रैंक वाली अमेरिकी राजनेता हैं.
चीन की अंजाम भुगतने की चेतावनी को दरकिनार करते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी आखिरकार ताइवान पहुंच गईं.
अमेरिकी युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों के अलर्ट मोड पर होने के बीच पेलोसी को लेकर यूएस एयरफोर्स का विमान ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचा. हालांकि इस दौरान चीन ने अपनी सैन्य ताकत दिखाई और उसके 21 लड़ाकू विमान ताइवान की रक्षा पंक्ति को भेदते हुए उसके एयर डिफेंस जोन में घुस गए.
हालांकि इस दौरान टकराव होते-होते बचा.बीजिंग के स्टेट मीडिया ने मंगलवार की रात में सूचना दी कि चीनी लड़ाकू जेट विमानों ने ताइवान स्ट्रेट को पार कर लिया है. स्टेट टीवी सीजीटीएन ने कहा कि, “चीन के सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान स्ट्रेट को पार कर रहे हैं.” अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) की द्वीप की यात्रा को लेकर तनाव बढ़ गया है. पेलोसी 25 वर्षों में द्वीप का दौरा करने वालीं सर्वोच्च रैंक वाली अमेरिकी राजनेता हैं.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पहले तो चीन के एसयू-35 लड़ाकू विमानों के चीन से संवेदनशील ताइवान स्ट्रेट को पार करने से इनकार किया. लेकिन बाद में ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि 20 से ज्यादा चीनी लड़ाकू विमान एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में घुसे.
ये जोन ताइवान के वायु सीमा क्षेत्र से बाहर एक विस्तृत इलाका है, जहां उसके और चीन के ADIZ की सीमाओं को लेकर मतभेद भी सामने आते रहे हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसे ताइवान के पास की गतिविधियों की पूरी जानकारी है और वह “दुश्मन की धमकियों” के जवाब में जरूरत के अनुसार सुरक्षा बलों को भेजेगा.
चीनी नेतृत्व ने बीजिंग की लंबे समय से आलोचक रहीं पेलोसी के स्व-शासित ताइवान की यात्रा करने पर चेतावनी दी है. ताइवान पर चीन अपना दावा करता है. चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और उसने पेलोसी की यात्रा को लेकर सैन्य प्रतिक्रिया की कसम खाई है. यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए संकट बढ़ाने वाले हालात हैं.
इससे पहले आज चार अमेरिकी युद्धपोत सहित एक विमानवाहक पोत ताइवान के पूर्व में तैनात थे. इसे देश की नौसेना ने नियमित तैनाती कहा था.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पेलोसी के ताइवान की यात्रा करने की खबरें आने के बाद से ही चीन ने इस पर आपत्ति जताना शुरू कर दिया था. चीन ने चेतावनी दी थी कि अगर वे द्वीप का दौरा करती हैं तो उसकी सेना कभी भी “बैठे रहने की मूर्खता नहीं करेगी.”
पेलोसी के कार्यालय ने रविवार को कहा था कि वह इस क्षेत्र में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं. दौरे में सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान की यात्राएं शामिल होंगी. इसमें ताइवान का जिक्र नहीं था.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सोमवार को कहा था कि अगर पेलोसी ताइवान का दौरा करती हैं तो यह “चीन के आंतरिक मामलों में एक बड़ा हस्तक्षेप” होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि इसके “बहुत गंभीर परिणाम” होंगे.