दिल्ली के MCD सदन में हंगामा करने के मामले में पुलिस ने FIR दर्ज की है. दिल्ली के कमला मार्किट थाने में FIR दर्ज की गई है.
आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों पर FIR दर्ज की गई है. दोनों पार्टियों की तरफ से शिकायत दी गई थी. 24 फरवरी को MCD सदन में स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के दौरान BJP और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपस में भिड़ गए थे, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था और आपस में मारपीट भी हुई थी.
दिल्ली नगर निगम (MCD)की सबसे महत्वपूर्ण बॉडी स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में टकराव बढ़ता जा रहा है. 22 फरवरी की रात में वोटिंग के दौरान और 24 फरवरी को वोटों की गिनती को लेकर जबर्दस्त हंगामा हुआ. पार्षदों के बीच मारपीट हुई. महिलाओं के बाल भी खींचे गए.
दरअसल, स्टैंडिंग कमेटी (स्थायी समिति) के चुनाव में सात प्रत्याशी मैदान में हैं. आम आदमी पार्टी ने आमिल मलिक, रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने कमलजीत सहरावत और पंकज लूथरा को मैदान में उतारा है. बीजेपी में शामिल हुए निर्दलीय पार्षद गजेंद्र सिंह दराल भी प्रत्याशी हैं.
दिल्ली नगर निगम में असली सरकार स्टैंडिंग कमेटी होती है. अभी स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव होना है. आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हुए हैं और बीजेपी ने तीन सीटों पर, जबकि सीटें केवल छह ही हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों में से किसी एक के उम्मीदवार की हार तय है.
बीजेपी को अपने सभी तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए जितने वोट चाहिए, उसके पास उससे तीन वोट कम थे. मगर मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में जो वोटिंग का आंकड़ा आया है, वह बता रहा है कि बीजेपी ने तीन पार्षद मैनेज कर लिए हैं. शुक्रवार को ही आप के एक पार्षद पवन सहरावत भी भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं.
इसका मतलब यह है कि सब कुछ अगर ऐसा ही रहा तो आम आदमी पार्टी को स्टैंडिंग कमेटी में एक सीट पर हार का सामना करना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में चुनाव जीतकर भी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में बीजेपी के साथ 3-3 सीटें जीतकर बराबरी पर दिखाई देगी और यह बीजेपी के लिए किसी जीत से कम नहीं होगा. ऐसा होने पर सारा ज़ोर जोन चुनाव पर हो जाएगा, जहां 12 सीटों पर बाद में चुनाव होंगे.
स्टैंडिंग कमेटी के पास कई महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार होते हैं. स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हर हफ्ते होती है. लगभग सभी महत्वपूर्ण मामले इस कमेटी से पास होकर फिर मेयर की अध्यक्षता वाले सदन में जाते हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी चाह रही है कि स्टैंडिंग कमेटी में भी उसका वर्चस्व रहे, ताकि वह जो भी प्रस्ताव लाए उसे पास होने में कोई परेशानी न हो.
नगर निगम में शुक्रवार को वोट शांतिपूर्ण तरीके से डाले गए. हंगामा मतगणना के समय हुआ. दो महीने की देरी के बाद इस सप्ताह के शुरू में मेयर चुनी गईं ‘आप’ की नेता शेली ओबेरॉय के एक वोट को अवैध घोषित करने के बाद बीजेपी ने मतगणना में बाधा डाली. मेयर ने जोर देकर कहा कि परिणाम अमान्य वोट के बिना घोषित किया जाएगा. इसके बाद सदन में अराजकता फैल गई. दोनों पक्षों के पार्षदों ने चिल्लाते हुए एक दूसरे को घूंसे, लात, थप्पड़ मारे और धक्का दिया. कुछ पार्षदों के कुर्ते फटे हुए नजर आए. एक पार्षद गिर भी गया.
इसके बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि रिकाउंटिंग के लिए एक पक्ष तैयार है, जबकि दूसरा पक्ष तैयार नहीं है, इसलिए अब मैं रिकाउंटिंग नहीं कर रही. रिजल्ट एक अवैध वोट के बिना बन रहा है. इसके बाद एमसीडी में स्थायी समिति के चुनाव की मतगणना में लगातार गतिरोध बना रहा. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे और हाथापाई भी करते रहे.
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव रद्द करने के बाद महापौर शैली ओबेरॉय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी पार्षदों ने सारे बैलट पेपर फाड़ दिए, इसलिए दोबारा चुनाव 27 फरवरी को कराए जाएंगे. मेयर ने कहा कि बीजेपी की शर्तों को मानकर हमने चुनाव शुरू किया, लेकिन खुद को हारते हुए देखकर बीजेपी ने हंगामा कर दिया. बीजेपी के पार्षद रवि नेगी, चंदन चौधरी और मारवाह ने मेरी कुर्सी खींची, मुझ पर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि, हमारी आशु ठाकुर पर, चंदन चौधरी पर हमला किया गया. उनका शाल खींचा गया.
आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने निगम सचिव भगवान सिंह पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा जब भी पूछते हैं, इनको कुछ नहीं पता. ऐसा लगता है यह आदमी पूरी तरह से बीजेपी से मिला हुआ है. इस पर बीजेपी ने आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद स्थायी समिति का चुनाव रद्द कर दिया गया. दिल्ली नगर निगम की बैठक स्थगित कर दी गई. अब 27 फरवरी को सदन की बैठक होगी. स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव फिर से होगा.