99 रुपये की स्कीम 27 लोगों की जिंदगी पर पड़ी भारी, आखिर राजकोट के गेम जोन में क्या कुछ हुआ…

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दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक बेबी केयर सेंटर में आग लग गई. इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई.

जानकारी के अनुसार दमकल विभाग को रात 11:32 पर आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके तुरंत बाद मौके पर दमकल विभाग की 9 गाड़ियां भेजी गई. पुलिस और दमकल विभाग ने 12 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार 5 बच्चे अस्पताल में एडमिट है. ईस्ट दिल्ली एडवांस्ड केयर हॉस्पिटल में बच्चों को एडमिट किया गया है दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि विवेक विहार में आईआईटी, ब्लॉक बी के पास एक शिशु देखभाल केंद्र से आग लगने की सूचना मिलते ही कुल नौ दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं थी.”

दूसरी ओर गुजरात में एक गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में 12 बच्चे शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि ‘गेम जोन’ के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है. अधिकारियों ने बताया कि गेमिंग गतिविधियों के लिए निर्मित फाइबर के एक ढांचे में शाम करीब साढ़े चार बजे आग लग गई, जिसके बाद प्रभावित टीआरपी गेम जोन में राहत एवं बचाव अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि भीषण आग के कारण ढांचा ध्वस्त हो गया.

सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राधिका भराई ने कहा, ‘‘आग की घटना में 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. शव पूरी तरह से जल गए हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल है.” एसीपी विनायक पटेल ने कहा कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम चार बच्चे शामिल हैं.

जिले के अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान जारी होने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाना-मावा रोड स्थित गेम जोन में यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चों सहित कई लोग खेल रहे थे. सरकार ने घटना की जांच अपर पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी है. राजकोट के जिलाधिकारी प्रभाव जोशी ने बताया, ‘‘गेम जोन में आग लगने की सूचना अग्नि नियंत्रण कक्ष को शाम करीब 4:30 बजे मिली. आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियां और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मलबा हटाया जा रहा है.” हालांकि, भीषण आग लगने का सही कारण पता नहीं चल पाया है.

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