विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहुंचे यूएई, अबू धाबी में हिंदू मंदिर का किया दौरा

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विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ वार्ता के लिए रविवार को अरब देश की यात्रा पर पहुंचे है।

बैठक में दोनों नेताओं के द्विपक्षीय संबंधों, व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अलावा गाजा में समग्र स्थिति पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है। नाहयान के साथ बैठक से पहले जयशंकर ने प्रतिष्ठित बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा किया। बीएपीएस मंदिर का इस साल 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया था।

मंदिर की यात्रा के बाद जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अबूधाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा करके धन्य हो गया। भारत-यूएई मित्रता का यह स्पष्ट प्रतीक, दुनिया को सकारात्मक संदेश देता है और दोनों देशों के बीच वास्तविक सांस्कृतिक सेतु है।

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यूएई की यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक विकास की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लगभग 35 लाख भारतीय समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।

जयशंकर ने अबू धाबी में किया योग
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अबू धाबी में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया। जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर के साथ लौवर अबू धाबी में योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया।

एक्स पर एक पोस्ट में, जयशंकर ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हुए अंतरराष्ट्रीय योग उत्साही @LouvreAbuDhabi के साथ शामिल हुआ। योग करने से पहले अपनी टिप्पणी में, जयशंकर ने कहा कि योग एक भारतीय परंपरा है लेकिन अब यह वास्तव में एक सार्वभौमिक अभ्यास बन गया है।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने एक प्रेरणा के रूप में, एक चुंबक के रूप में, वास्तव में लोगों को इकट्ठा करने, अभ्यास को फैलाने की एक विधि के रूप में काम किया है, वास्तव में एक तरह से ग्रह को खुश, स्वस्थ और अधिक जुड़ा हुआ रखा है।

‘कनिष्क बम विस्फोट इतिहास में आतंकवाद के सबसे बुरे कृत्यों में शुमार’

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि 1985 में कनिष्क विमान पर हुआ हमला इतिहास में आतंकवाद के सबसे बुरे कृत्यों में से एक है।

बम विस्फोट की घटना के 39 साल पूरे होने पर उनकी यह टिप्पणी कनाडा की धरती से खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों के कारण भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव के बीच आई है।

जयशंकर ने इंटरनेट मीडिया मंच एक्स पर कहा कि इतिहास में आतंकवाद के सबसे बुरे कृत्यों में से एक के 39 साल पूरे हो गए। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

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