तेलंगाना के प्रसिद्ध लोक गायक, कवि, नक्सलवाद के पूर्व समर्थक गुम्मदी विट्ठल राव ‘गदर’ का रविवार को बीमारी के कारण निधन हो गया।
वह 77 वर्ष के थे। उन्हें 20 जुलाई को अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंतिम संस्कार सोमवार को होगा।
2017 में मुख्य धारा में की वापसी
गदर काफी समय तक भूमिगत रहे थे। उन्होंने तेलंगाना आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। वह जंगल में भी रहे। वर्ष 1997 में हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या करने की कोशिश की थी, लेकिन वह बच गए। एक गोली उनकी रीढ़ की हड्डी में अंत तक फंसी रही। उन्होंने वर्ष 2017 में मुख्यधारा में वापसी की और खुद को आंबेडकरवादी घोषित कर दिया।
2018 में पहली बार किया मतदान
गदर ने 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपने जीवन में पहली बार मतदान किया। वे तेलंगाना राज्य आंदोलन के दौरान अपने क्रांतिकारी गीतों के लिए लोकप्रिय थे।
कई नेताओं ने निधन पर जताया दुख
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, तेलंगाना भाजपा प्रमुख जी. किशन रेड्डी और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कई अन्य नेताओं ने गदर के निधन पर दुख जताया है।
राहुल गांधी को लगाया था गले
गदर दो जुलाई को खम्मम में कांग्रेस की रैली में नजर आए थे। उन्होंने मंच पर राहुल गांधी को गले लगाया था। राहुल गांधी ने गदर को अपने बगल की सीट पर बैठने के लिए भी कहा था। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।