पूर्व PM बोरिस जॉनसन ने संसद को किया जानबूझकर गुमराह; संसदीय समिति ने अंतिम रिपोर्ट में किया दावा

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ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पार्टीगेट केस में संसद को जानबूझकर गुमराह किया था।

संसद की एक सर्वदलीय समिति ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियमों को तोड़कर आयोजित की गई पार्टियों की जानकारी होने से इनकार करके संसद को जानबूझकर गुमराह किया था। यह खुलासा बोरिस जॉनसन द्वारा अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आया है।

बता दें कि संसद की विशेषाधिकार समिति (कॉमन्स प्रिविलेजेस कमेटी) ने पार्टीगेट स्कैंडल को लेकर गुरुवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी की है। इसमें समिति ने जॉनसन को संसद के नियमों का उल्लंघन करने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही समिति पर जॉनसन द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर भी उनकी निंदा की।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि जॉनसन ने जानबूझकर संसद को गुमराह करके गंभीर अवमानना की है। ये इसलिए और अधिक गंभीर है क्योंकि इसे प्रधानमंत्री ने किया था। प्रधानमंत्री सरकार के सबसे वरिष्ठ सदस्य होते हैं और जब वे ऐसा करते हैं तो यह उदाहरण ठीक नहीं है।

समिति ने यह भी कहा कि इतिहास में ऐसा कोई मामला नहीं देखा गया है जब किसी ब्रिटिश प्रधानमंत्री को जानबूझकर संसद को गुमराह करने के लिए जिम्मेदार पाया गया हो। इसमें समिति ने सिफारिश की थी कि यदि जॉनसन संसद से इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें 90 दिन के लिए निलंबित किया जाए।

10 जून को जॉनसन ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले, 10 जून को पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने समिति के सदस्यों पर अपने पीछे पड़ जाने का आरोप लगाते हुए संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन संसद में पूछे जाने पर लगातार इस बात से इनकार करते रहे कि कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन के नियम सरकारी कक्षों में तोड़े गये थे। संसदीय समिति जॉनसन पर लगे आरोपों के साथ ही उनके इन्हीं दावों की जांच कर रही थी कि क्या उन्होंने इस मामले में हाउस ऑफ कॉमन्स (ब्रिटिश संसद) को गुमराह किया था।

जॉनसन ने समिति पर उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि इसी साल मार्च में विशेषाधिकार समिति को दिए गए बयान में जॉनसन ने संसद को गुमराह करने की बात स्वीकार की। हालांकि उन्होंने जानबूझकर ऐसा करने से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि कोविड लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में हुई पार्टियों में लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन की बात सही नहीं है। वे जरूरी कार्यक्रम थे, इसलिए इसकी अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी के दौरान सभी दिशानिर्देशों का पालन किया गया था।

सांसद पद छोड़ने की घोषणा करते हुए जॉनसन ने एक लंबा बयान जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मैंने झूठ नहीं बोला, और मुझे विश्वास है कि समिति इसे जानती है। उन्होंने कहा कि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि जब मैंने कॉमन्स में बात की थी तो मैं वही कह रहा था, जो मैं ईमानदारी से सच मानता था।

संसदीय समिति पर कंगारू कोर्ट की तर्ज पर काम करने का आरोप
उन्होंने कहा था कि वर्तमान प्रधानमंत्री और डाउनिंग स्ट्रीट में रहने वाले ऋषि सनक का भी मानना था कि वे कानूनी रूप से एक साथ काम कर रहे थे। जॉनसन ने ‘कंगारू कोर्ट’ की तर्ज पर काम करने के लिए समिति की निंदा की थी और दावा किया कि समिति का शुरू ही से उद्देश्य तथ्यों की परवाह किए बिना उन्हें दोषी ठहराना है।

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