पंचतत्व में विलीन हुईं लता मंगेशकर, मुंबई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

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देश की मशहूर गायिका स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे से लपेटा गया था और सशस्त्र जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी. अंतिम संस्कार में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, शाहरुख खान समेत तमाम हस्तियां पहुंची थीं. लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी.

दरअसल, 92 साल की उम्र में रविवार को लता मंगेशकर निशन हो गया. उनके निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर देश-विदेश के लोगों ने श्रद्धांजलि दी. मुंबई नगर निकाय के एक अधिकारी ने कहा कि दाह संस्कार की प्रक्रिया के लिए पार्क के लगभग 2,000 वर्ग फुट क्षेत्र को बंद कर दिया गया. महान गायिका के अंतिम दर्शन के लिए लोग दोपहर 1 बजे से पार्क में पहुंचने लगे थे.

लता मंगेशकर के 8 जनवरी को कोविड पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करीब एक महीने से वह ICU में लाइफ सपोर्ट पर थीं. 6 फरवरी को उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस लीं. लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरा देश शोक की लहर में डूब गया है. सरकार ने दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. जिसके चलते देशभर में राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा.

पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा, “मैं अपने दु:ख को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता. दयालु और सबका ख्याल रखने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं. लता दीदी के जाने से देश में एक ऐसा खालीपन हुआ है, जिसे भरा नहीं जा सकता है. आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्भुत क्षमता थी.”

कब होती है राजकीय शोक की घोषणा
भारत रत्न से सम्मानित किसी भी शख्सियत के निधन को अपूर्णीय क्षति मानते हुए राजकीय शोक की घोषणा की जाती है. पहले इसकी घोषणा केवल केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति करते थे, लेकिन अब राज्य सरकारें भी राजकीय शोक की घोषणा करती हैं.

राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार, राजकीय शोक के दौरान संसद, सचिवालय, विधानसभा, अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भवनों या सरकारी कार्यालयों पर लगा राष्ट्रध्वज आधा झुका रहता है. इसके अलावा, देश से बाहर स्थित भारतीय दूतावासों पर भी राष्ट्रध्वज आधा झुका रहता है. राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई सरकारी या औपचारिक कार्यक्रम को आयोजन नहीं किया जाता है.

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