चीन में एक महिला गवर्नर को गलत व्यवहार के लिए 13 साल की जेल और एक मिलियन युआन (लगभग 1.18 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है।
झोंग यांग नाम की इस गवर्नर पर 58 पुरुष कर्मचारियों के साथ यौन संबंध बनाने और लगभग 60 मिलियन युआन की रिश्वत लेने का आरोप लगा है।
कम्युनिस्ट पार्टी में काम कर चुकी हैं गवर्नर
दरअसल, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) के अनुसार, गवर्नर (China governor News) झोंग यांग को एक उपनाम ‘सुंदर गवर्नर’ भी दिया गया है। वो गुइझोउ प्रांत में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) की गवर्नर और उप सचिव के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
58 पुरुषों से बनाए यौन संबंध
इसके अलावा, 52 वर्षीय महिला गवर्नर पर 58 पुरुष कर्मचारियों के साथ यौन संबंध बनाने का भी आरोप लगा है। कुछ ने तो उनसे लाभ पाने के लिए उनका प्रेमी बनना चुना, जबकि अन्य ने अनिच्छा से ऐसा किया क्योंकि उन्हें निकाले जाने का डर था। झोंग ने कथित तौर पर ओवरटाइम काम करने और व्यावसायिक यात्राओं पर जाने के बहाने अपने प्रेमियों के साथ समय बिताया।
किसानों के लिए काम कर हुई थी प्रसिद्ध
52 वर्षीय यह महिला गवर्नर 22 वर्ष की आयु में कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुई और बाद में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) में डिप्टी के पद तक पहुंची। SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, झोंग किसानों की मदद करने के उद्देश्य से एक फल और कृषि संघ शुरू करने के लिए जानी जाती हैं, साथ ही जरूरतमंद बुजुर्गों की सहायता के लिए अपना पैसा खर्च करती हैं।
डॉक्यूमेंट्री से रिश्वत लेने की खुली पोल
हालांकि, जनवरी में गुइझोउ रेडियो और टेलीविजन द्वारा निर्मित एक डॉक्यूमेंट्री ने झोंग से जुड़े कई विवादों पर बड़े खुलासे किए।
यह सामने आया कि झोंग ने कई बार रिश्वत खाई और पद का गलत इस्तेमाल कर अपनी पसंदीदा कंपनियों को सरकारी निवेश के बहाने आकर्षक अनुबंध दिलवाए।
ये भी खुलासा हुआ कि एक व्यवसायी के लिए गवर्नर ने उच्च तकनीक औद्योगिक एस्टेट में जमीन देने को मंजूरी दी थी। उस व्यवसाई से महिला गवर्नर के घनिष्ठ संबंध थे।
जिनसे संबंध नहीं, उन्हें तरजीह नहीं देती थी
डॉक्यूमेंट्री में एक निजी व्यवसाय के मालिक ने दावा किया कि झोंग उन कंपनियों को तरजीह नहीं देती थी जिनका उनसे व्यक्तिगत संबंध नहीं था।
2023 में हुई थी गिरफ्तार
झोंग को अप्रैल 2023 में रिश्वत लेने और भ्रष्टाचार के कारण गिरफ्तार किया गया था। सितंबर में उन्हें पद से हटा दिया गया और सीपीसी से निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में अपना पद भी खो दिया।