संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की का नाम वैश्विक आतंकवादियों की काली सूची में डाल दिया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को मक्की का नाम अपनी प्रतिबंधित सूची में शामिल किया. इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है.
भारत और अमेरिका पहले ही मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं. वह धन जुटाने, भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने में शामिल रहा है.
चीन ने पिछले साल जून में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को अंतिम क्षण में बाधित कर दिया था.
चीन ने हमेशा की तरह विशेष रूप से पाकिस्तान से ज्ञात आतंकवादियों की सूची में बाधाएं डाली हैं. इसने पाकिस्तान स्थित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी इकाई जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को नामित करने के प्रस्तावों को बार-बार अवरुद्ध किया था.
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, 2020 में, एक पाकिस्तानी आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में मक्की को दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई है.
मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का रिश्तेदार है. मक्की अमेरिका द्वारा नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) लश्कर के भीतर विभिन्न नेतृत्व भूमिकाओं पर काम करता है. उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है.