स्पीड बोट से उड़कर नाव में जा गिरा वो… मुंबई के समंदर में खौफनाक टक्कर की आंखोंदेखी

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मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) से एलिफेंटा जा रही बोट अरब सागर में करंजा के उरण में पलटने से 13 लोगों की मौत हो गई.

इस हादसे के चश्मदीद गौतम गुप्ता ने पूरी कहानी बतायी. उसने बताया कि मैं एक स्पीडबोट का वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था, यह सोचकर कि वह स्टंट कर रहा है. तभी वह अचानक हमारी नौका से आ टकराया. मुझे जोर का झटका लगा.स्पीडबोट के यात्रियों में से एक हवा में उछल गया. वो हमारी नौका के डेक पर आ गिरा. वो वहां क्षत-विक्षत हालत में था.”

वहीं इस हादसे में जीवित बचे 45 साल के गणेश का कहना है कि जब उन्होंने स्पीड बोट जैसी नाव को उस नौका की ओर तेजी से आते देखा, जिसके डेक पर वह खड़े थे, तो उनके मन में यह विचार आया कि कुछ अप्रिय हो सकता है. इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी दी है. उन्‍होंने बताया कि बुधवार दोपहर बाद करीब 3:55 बजे ‘नीलकमल’ नाम की नाव हादसे का शिकार हो गई. हादसे में 101 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया और 13 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में 10 नागरिक और 3 नौसेना के जवान हैं. दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें नौसेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

गणेश ने कहा, ‘‘जब मैं अरब सागर और मुंबई के आसमान को निहार रहा था, तब नौका तट से लगभग आठ से 10 किमी दूर थी, मैंने देखा कि स्पीड बोट जैसा जहाज हमारी नौका के पास पूरी गति से चक्कर लगा रहा था.”उन्होंने बताया कि दुर्घटना में नाव में सवार एक नौसेना कर्मी की पैर कटने से मौत हो गई. उन्होंने बताया, ‘‘जैसे ही नाव हमारी नौका से टकराई, समुद्र का पानी हमारे जहाज में आने लगा, जिसके बाद नाव के कप्तान ने यात्रियों से कहा कि वे लाइफ जैकेट पहनें, क्योंकि नाव पलटने वाली थी.” गणेश ने बताया, ‘‘मैंने लाइफ जैकेट ली, ऊपर गया और समुद्र में कूद गया.”

नौसेना की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि नौसेना का पोत इंजन परीक्षण के लिए जा रहा था, लेकिन तभी शाम चार बजे इसने नियंत्रण खो दिया और करंजा के पास यह नीलकमल नामक नौका से टकरा गया. यह नौका यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से लोकप्रिय पर्यटन स्थल ‘एलीफेंटा’ द्वीप पर लेकर जा रही थी. नौसेना ने कहा, ‘‘नौसेना ने तटरक्षक बल और समुद्री पुलिस के समन्वय से खोज एवं बचाव प्रयास तुरंत शुरू किए. बचाव अभियान में नौसेना के चार हेलीकॉप्टर, नौसेना की 11 नौकाएं, तटरक्षक बल की एक नौका और समुद्री पुलिस की तीन नौकाओं की मदद ली गई.” इसमें कहा गया, ‘‘नौसेना और अन्य जहाजों की मदद से जीवित बचे लोगों को आसपास की जेटी पर पहुंचाया गया और फिर उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अब तक 99 लोगों को बचाया जा चुका है.”

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