ज्ञानवापी के दो मामलों की आज सुनवाई, दीवारों के पीछे और जमीन के नीचे जांच करेगी कानपुर की टीम

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ज्ञानवापी परिसर में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की मांग करने वाले प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

लोहता के मुख्तार अहमद समेत अन्य चार लोगों की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र की सुनवाई सिविल सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। इसमें प्रतिवादी पक्ष अंजुमन व प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल करना है। ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी द्वारा दाखिल प्रार्थना पत्र पर भी इसी अदालत में सुनवाई होगी। इसमें ज्ञानवापी परिसर में ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर के पूजा पाठ की मांग की गई है।

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर रही एएसआइ टीम में कानपुर के विशेषज्ञ भी जुड़ गए हैं। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) समेत आधुनिक जांच मशीनों के साथ पहुंची टीम दीवारों के पीछे व जमीन के नीचे जांच करेगी। इनके आने के साथ ही सर्वे में शामिल सदस्यों की संख्या भी बढ़ गई है। पहले जहां 42 सदस्य सर्वे कर रहे थे अब इनकी संख्या 52 हो गई है। एएसआइ सर्वे की मांग करने वाला मंदिर पक्ष सुप्रीम कोर्ट की ओर से सील एरिया को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की आधुनिक मशीनों के जरिए वैज्ञानिक जांच की बात कही थी। इसे मानते हुए अदालत ने जांच में आधुनिक मशीनों के जरिए जांच का आदेश दिया है।

बाहरी हिस्से का कागज पर भी नक्शा तैयार

बीते सात दिनों में सर्वे टीम ने पूरे ज्ञानवापी परिसर की डिजिटल मैपिंग की। इसके हर बाहरी हिस्से का कागज पर भी नक्शा तैयार किया। इसके साथ चार हिस्सों में बंटकर वहां मौजूद साक्ष्यों की जांच-परख में जुट गए। पश्चिमी दीवार पर मौजूद चिह्नों की विस्तृत जांच के साथ उसकी थ्री डी इमेज भी तैयार किया। इमारत के शीर्ष और उनके नीचे मौजूद शंक्वाकार शिखरों की बनावट को बारीक नजरों से निहारा और वीडियो-फोटोग्राफी कराई। उनके आकार को नापकर इमारत की बनावट से तुलना किया।

उत्तरी तहखाने में पहुंचकर जांच कर रही टीम

मुख्य शीर्ष के नीचे मौजूद नमाज पढ़ने के कमरे में चिह्नों को दर्ज किया। साथ ही इस कमरे के फर्श जिसके नीचे पोला होना की बात विशेष एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट में की गई है उसे देखा। टीम दक्षिणी तहखाने में मौजूद व्यास जी के कमरे के साथ उत्तरी तहखाने में पहुंचकर जांच कर रही है। इसके आगे तहखाना बंद है। इसके आगे जीपीआर मशीनों से जांच की जा सकती है। कानपुर की टीम में शामिल विशेषज्ञ यह जांच करेंगे।

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