उत्तर भारत में लू का कहर, 109 लोगों की गई जान, जम्मू में गर्मी ने तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड

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राजधानी सहित उत्तर भारत के राज्यों में भीषण लू का कहर जारी है। पहाड़ी इलाकों में भी तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है।

जम्मू के कठुआ में तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार कठुआ के पिछले 40 वर्षों के ज्ञात आंकड़ों के अनुसार शहर में तापमान पहली बार इतना पहुंचा है। माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा का अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में लू के कारण 81 लोगों की मौत हो गई। सर्वाधिक 13 मौतें कानपुर में हुईं। बिहार के पांच जिलों में 25 लोगों की मौत की सूचना है। जबकि 50 से अधिक लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। इसी तरह से दिल्ली में भीषण लू से दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई और पांच मरीज अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।

यूपी में 24 घंटे में 81 लोगों की मौत
यूपी में सर्वाधिक 13 मौतें कानपुर, जबकि फतेहपुर में 12, चित्रकूट में नौ, उन्नाव में छह, बांदा में चार, उरई में छह, इटावा व बरेली में एक-एक, प्रयागराज और कौशांबी जिले में एक-एक और प्रतापगढ़ में चार लोगों की मौत हो गई। वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, मीरजापुर, चंदौली, जौनपुर, बलिया, सोनभद्र में कुल 23 लोगों की जान गई। मौसम विभाग के अनुसार अभी अगले चार दिनों तक राहत के कोई आसार नहीं हैं। ज्यादातर जिलों में लू को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।

बिहार में 25 लोगों की मौत
बिहार के पांच जिलों में मंगलवार को लू से 25 लोगों की मौत की सूचना है। जबकि 50 से अधिक लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। रोहतास व औरंगाबाद में सात-सात, गया में तीन, जहानाबाद में दो, आरा में चार, शेखपुरा व बक्सर में एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना है। स्वजन लू से मौत बता रहे हैं। खड़गपुर से गया जंक्शन पहुंचे सीआरपीएफ जवान शिवपाल सिंह अचानक अचेत होकर गिरे और उनकी मौत हो गई। मंगलवार को पटना समेत 13 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में पांच डिग्री वृद्धि के साथ 42.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

44.3 डिग्री सेल्सियस के साथ औरंगाबाद प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा। मालूम हो कि बीते एक सप्ताह में प्रदेश में लू से 82 लोंगों की मौत हुई है। दिल्ली में भीषण लू की चपेट में आने से दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें से दो मरीजों की मौत सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को हुई। आरएमएल अस्पताल में सोमवार को एक महिला की मौत हुई थी। इस तरह दिल्ली में भीषण लू से अब तक सात मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं अलग-अलग दो अस्पतालों में दो दिन में भीषण लू की चपेट में आए 19 मरीज भर्ती कराए गए हैं। जिसमें से 11 मरीज मंगलवार को बेहोशी व तेज बुखार के साथ अस्पतालों में भर्ती कराए गए।

पंजाब में भी जारी रहा प्रकोप
पंजाब में मंगलवार दोपहर तक लू व भीषण गर्मी का प्रकोप रहा। लुधियाना 45.8 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म रहा। यहां समराला में अधिकतम तापमान सबसे अधिक 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस अधिक था। उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र भीषण गर्मी से बेहाल हैं। लू के थपेड़ों से जनजीवन प्रभावित है। हरिद्वार में अधिकतम तापमान 42.2 और रुड़की में 42.0 डिग्री दर्ज किया गया। देहरादून में तापमान गिरकर 41.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। यह सामान्य तापमान से आठ डिग्री सेल्सियस अधिक है। मसूरी में तापमान सामान्य से सात और नैनीताल में सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस अधिक बना है।

जम्मू के कठुआ में भी रिकॉर्ड तापमान
जम्मू के कठुआ में तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से छह डिग्री अधिक है। सोमवार को यहां पारा 47.1 के निशान पर था। जम्मू में मंगलवार को पारा 43.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 5.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। कश्मीर में भी राहत नहीं है। श्रीनगर का ही तापमान लगातार 31 डिग्री से ऊपर चल रहा है। मंगलवार को यहां अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस रहा। वैष्णो देवी के कटड़ा का अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा।

जून में मानसून कमजोर रहने की संभावना : आइएमडी
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार को कहा कि जून में भारत में सामान्य से कम मानसूनी बारिश होगी क्योंकि देश के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं।

आइएमडी ने मानसून पूर्वानुमान के अपडेट में कहा कि पूरे देश में जून में औसत बारिश सामान्य से कम यानी लंबी अवधि की औसत वर्षा (एलपीए) के 92 प्रतिशत से कम रहने की संभावना है।

30 मई को केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दस्तक देने के बाद से भारत में 1 से 17 जून तक औसत से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे कृषि क्षेत्र की चिंताएं बढ़ गई हैं।

अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण ग्रीष्मकालीन बारिश
एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण ग्रीष्मकालीन बारिश आमतौर पर एक जून के आसपास दक्षिण में शुरू होती है और आठ जुलाई तक पूरे देश में फैल जाती है। बारिश के बाद किसान चावल, कपास, सोयाबीन और गन्ना जैसी फसलें बोते हैं।

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