सुप्रीम कोर्ट सोमवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें राज्य उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका पर फैसला सुनाने में देरी को चुनौती दी गई है.
साथ ही इसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की दो न्यायाधीशों की पीठ झामुमो नेता की याचिका पर आज सुनवाई करेगी.
झामुमो नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष मामला उठाया था. पीठ ने उन्हें मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया, हालांकि याचिका पर सुनवाई की तारीख अदालत द्वारा प्रदान नहीं की गई थी. शीर्ष अदालत से तत्काल सुनवाई की गुहार लगाते हुए सिब्बल ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका दायर की है.
इस बीच, मामले के एक अन्य घटनाक्रम में, सोरेन की जमानत याचिका शनिवार को रांची की एक पीएमएलए अदालत ने खारिज कर दी है. पूर्व सीएम ने अपने चाचा राजा राम सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोर्ट से 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. नियमित जमानत की मांग वाली उनकी अन्य याचिका पर भी 1 मई को रांची की एक अदालत में सुनवाई होनी है.