कर्नाटक में फिर गरमाया हिजाब विवाद, मुस्लिम छात्राओं को क्‍लास में बिना हिजाब आने का आदेश

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कर्नाटक (Karnataka) के मेंगलुरु स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज की स्‍टूडेंट्स गुरुवार को उपायुक्‍त कार्यालय पहुंची.

इस दौरान उन्‍होंने एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें क्‍लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति (Allow wearing hijab in classrooms) देने की मांग की गई है. डिग्री कॉलेज की ओर से 16 मई को हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिसके बाद स्‍टूडेंट्स ने ज्ञापन दिया है.

फातिमा नाम की एक छात्रा ने कहा, “कोर्ट के फैसले के बाद कुछ नहीं हुआ, हमने शांति से एग्‍जाम दिए, लेकिन हमें हाल ही में बिना हिजाब पहने क्‍लास में आने का एक अनौपचारिक नोट मिला है. हम हाइकोर्ट के आदेश के बाद प्रिंसिपल के पास पहुंचे और उनके साथ बातचीत की कोशिश की. उन्‍होंने कहा कि वह असहाय हैं. वीसी ने भी यही कहा”.

कर्नाटक में इस साल जनवरी-फरवरी में हिजाब को लेकर प्रदर्शन हुए थे. उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्‍ड पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने क्‍लास लेने से रोकने का आरोप लगाया था. प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्‍होंने हिजाब पहनने को लेकर क्‍लास में घुसने से रोक दिया गया.

मैंगलोर यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्रों ने गुरुवार को कक्षाओं में हिजाब पहनने के खिलाफ कैंपस में धरना दिया. छात्रों ने शैक्षणिक संस्थानों के भीतर हिजाब पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने में विफल रहने के लिए कॉलेज प्रशासन की निंदा की.

कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने 16 मार्च को मुस्लिम लड़कियों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है.

कोर्ट ने राज्य द्वारा 5 फरवरी को जारी एक आदेश को भी बरकरार रखा, जिसमें सुझाव दिया गया था कि हिजाब पहनना उन सरकारी कॉलेजों में प्रतिबंधित किया जा सकता है जहां यूनिफॉर्म निर्धारित है.

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