संदेशखाली में इन दिनों जारी तनाव (Sandeshkhali Violence) के बीच प्रधानमंत्री मोदी मार्च में तीन दिन के दौरे पर रहेंगे, वह वहां जाकर महिला सम्मेलन को संबोधित करेंगे.संदेशखाली की घटना के बाद बीजेपी लगातार महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रही है.
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जारी तनाव (Sandeshkhali Row) के बीच धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके बाद वहां चार से ज्यादा लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 फरवरी को संदेशखाली में धारा 144 लागू करने पर अंतरिम लोक लगा दी थी, इसके बाद भी प्रशासन ने पूरे इलाके में प्रतिबंध लगा दिया है.
शुक्रवार को बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी के नेतृत्व में संदेशखाली जा रहे प्रतिनिधिमंडल को बीच में ही रोक दिया गया और लॉकेट चटर्जी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
संदेशखाली में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर आगजनी की, जिसके बाद वहां तनाव का माहौल पैदा हो गया. इसके साथ ही एक टीएमसी नेता पर भी हमला किया गया.
पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार समेत शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने संदेशखाली पहुंचकर लोगों से शांति की अपील की. उन्होंने स्थानीय लोगों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया.
बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि धारा 144 सिर्फ बीजेपी नेताओं के लिए लगाई गई है, टीएमसी के विधायक तो लोगों के साथ घूम रहे हैं.
संदेशखाली में चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम शुक्रवार को वहां पहुंची और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में तथ्य जुटाने के लिए ग्रामीणों से बात की.
एनएचआरसी ने मीडिया में चल रही खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है जिनमें कहा गया है कि संदेशखाली में गरीब महिलाओं को कथित तौर पर परेशान किया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया.
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बड़ी संख्या में लोगों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर ‘जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न’ का आरोप लगाया है.
NHRC ने कहा कि उसने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर संदेशखाली में हुई हिंसा के मामले में चार सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है.