डायबिटीज के मरीज हैं तो रोज खाएं अनार, हमेशा कंट्रोल रखेगा ब्लड शुगर
डॉक्टर डायबिटीज के रोगियों को सही डाइट फॉलो करने की सलाह देते हैं. इसमें मरीजों को रिफाइंड शुगर और कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जबकि अनार को इस बीमारी में सबसे अच्छा फल बताया जाता है.
डायबिटीज में अगर डाइट का ख्याल ना रखा जाए तो ये बीमारी इंसान को मौत के दरवाजे तक पहुंचा सकती है.
इसलिए डॉक्टर डायबिटीज के रोगियों को सही डाइट फॉलो करने की सलाह देते हैं. इसमें मरीजों को रिफाइंड शुगर और कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों से दूर रहना पड़ता है, जबकि अनार को इस बीमारी में सबसे अच्छा फल बताया जाता है.
अनार में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि इसमें रेड वाइन और ग्रीन टी से लगभग तीन गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो डाइटबिटीज जैसी बीमारी और फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज को रोकने का काम करते हैं.
एक्सपर्ट्स का यह भी दावा है कि अनार के बीज इंसुलिन सेंसटिविटी को दुरुस्त कर सकते हैं, जो कि डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है.
इसके अलावा, अनार में कार्ब्स की मात्र (100 ग्राम अनार में 19 ग्राम कार्ब्स) भी बहुत कम होती है. कार्बोहाइड्रेट के जल्दी मेटाबॉलाइज्ड होने की वजह से खून में शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है. इसलिए डायबिटीज रोगियों को लो कार्ब्स वाली चीजें खाने की सलाह दी जाती है. अनार का अनुमानित ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) 18 है, जो इसे ब्लड शुगर को मैनेज करने के लिए एक बेहतरीन फल बनाता है.
‘हीलिंग स्पाइसिस’ नाम की एक किताब में अनार से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है. इसमें दावा किया गया है कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत में जानवरों पर हुई कई स्टडीज ये बताती हैं कि अनार के फूल और इसके बीजों से बना तेल डायबिटीज को कंट्रोल करने में कारगर हैं. इसलिए डायबिटीज के रोगियों को नियमित रूप से इनका सेवन करना चाहिए.
अनार डायबिटीज से जुड़ी कई और भी कंडीशन को मैनेज करने में मददगार पाया गया है. एथेरोसिलेरोसिस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, शोधकर्ताओं ने अनार के जूस के प्रभावों का मूल्यांकन किया है.
इसके लिए वॉलंटियर्स के एक समूह को अनार का जूस और दूसरे समूह को प्लेसीबो दिया गया. इस दौरान तीन महीने तक रोजाना अनार का जूस पीने वालों में एथेरोसिलेरोसिस का खतरा कम होते देखा गया जो कि डायबिटीज से जुड़ी एक कंडीशन है. हालांकि यह स्टडी बहुत छोटी थी जो केवल 20 लोगों पर की गई थी.