भारत और फ्रांस ने यूक्रेन में ‘युद्ध की विभीषिका झेल रहे लोगों’ के संकट को तुरंत खत्म करने का किया आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यूरोपीय यात्रा के अंतिम चरण में बुधवार को यहां पहुंचे. पीएम मोदी यहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा, ‘नमस्कार पेरिस. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर पेरिस पहुंच गए हैं.’ पिछले हफ्ते मैक्रों के दोबारा फ्रांस का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के उन पहले कुछ नेताओं में शामिल होंगे, जो राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने मैक्रों को फिर से चुने जाने के बाद बधाई दी थी.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, ‘मेरे मित्र इमैनुएल मैक्रों को फिर से निर्वाचित होने पर बधाई. मैं भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करना जारी रखने की उम्मीद करता हूं.’
बागची ने एक ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं के बीच बैठक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तय करेगी.
पीएम मोदी की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब यूरोपीय संघ का नेतृत्व फ्रांस कर रहा है. साथ ही यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल हुए हैं. अगस्त 2019, जून 2017, नवंबर 2015 और अप्रैल 2015 के बाद मोदी की यह पांचवीं फ्रांस यात्रा है.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मार्च 2018 में भारत का दौरा किया. दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2021 में जी20 रोम शिखर सम्मेलन, जून 2019 में जी20 ओसाका शिखर सम्मेलन और दिसंबर 2018 में जी20 ब्यूनस आयर्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी.
भारत और फ्रांस 1998 से रणनीतिक साझेदार हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु, अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण, आतंकवाद का मुकाबला, लोगों के बीच संबंधों में बहुआयामी साझेदारी है.
भारत और फ्रांस नवंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सीओपी21 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सदस्य हैं. दोनों देशों के बीच 7.86 अरब अमरीकी डालर (2020-21) के द्विपक्षीय व्यापार और अप्रैल 2000 से 9.83 अरब अमरीकी डालर के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ एक मजबूत आर्थिक साझेदारी है.
भारत में रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, परामर्श, इंजीनियरिंग सेवाओं और भारी उद्योगों जैसे क्षेत्रों में एक हजार से अधिक फ्रांसीसी व्यवसाय मौजूद हैं. फ्रांस में 150 से अधिक भारतीय कंपनियां 7,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं. फ्रांस में एक संपन्न प्रवासी भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करता है.
यूरोप यात्रा के लिए रवाना होने से पहले एक बयान में मोदी ने कहा था, ‘राष्ट्रपति मैक्रों को हाल ही में फिर से चुना गया है और चुनाव परिणाम के दस दिन बाद मेरी यात्रा न केवल मुझे आमने सामने व्यक्तिगत रूप से बधाई देने का मौका देगी, बल्कि यह दोनों देशों के बीच घनिष्ठ मित्रता की पुष्टि भी करेगी. इससे हमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के अगले चरण की तैयारी करने का अवसर भी मिलेगा.’
उन्होंने कहा था, ‘राष्ट्रपति मैक्रों और मैं विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर आकलन साझा करेंगे और चल रहे द्विपक्षीय सहयोग का जायजा लेंगे. यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि वैश्विक व्यवस्था के लिए समान दृष्टिकोण और मूल्यों को साझा करने वाले दो देशों को एकदूसरे के साथ घनिष्ठ सहयोग में काम करना चाहिए.’
कोपेनहेगन से यहां पहुंचे मोदी ने मंगलवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन के साथ ‘सार्थक बातचीत’ की थी और आर्थिक संबंधों पर चर्चा के लिए एक व्यापार शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया. उन्होंने वहां भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित किया था और डेनमार्क के शाही परिवार से बातचीत की थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो मुख्य रूप से महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और विकसित वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर केंद्रित था.
शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिस दौरान उन्होंने उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की और क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान भी किया.