भारत ने अंडर 19 विश्वकप के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बांग्लादेश को एकतरफा मुकाबले में मात देकर अगले राउंड में प्रवेश कर लिया है.
भारत ने हालांकि पहला विकेट जल्दी खो दिया था लेकिन इसके बाद अंगकृष रघुवंशी (Angkrish Raghuvanshi) और शेख रशीद (Shaik Rasheed) ने पारी संभाला और अब तक 50 प्लस रन की साझेदारी बनाई. अंगकृष रघुवंशी भारत के दूसरे विकेट के रूप में आउट हुए. उन्होंने 44 रनों का योगदान दिया, जबकि शेख रशीद ने 26 रनों का योगदान दिया. 115 गेंद शेष रहते भारत ने यह जीत हासिल की.
रवि कुमार को इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
रवि की गेंदबाजी ने किया कमाल
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रवि कुमार (Ravi Kumar) के शानदार शुरूआती स्पैल से भारत ने शनिवार को यहां आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के अंतिम क्वार्टर फाइनल में गत चैम्पियन बांग्लादेश को 37.1 ओवर में 111 रन के अंदर समेट दिया. उत्तर प्रदेश में जन्में और सीआरपीएफ जवान के बेटे रवि अपने राज्य के सीनियर मोहम्मद शमी के नक्शेकदमों पर चलते हुए बंगाल के लिये खेलते हैं. उन्होंने बल्लेबाजों के लिये मुश्किल पिच पर सात ओवर में एक मेडन से 14 रन देकर तीन विकेट झटके.
आठवें विकेट के लिए बनी थी साझेदारी
बांग्लादेश की टीम एक समय 56 रन पर सात विकेट गंवा चुकी थी जिसके बाद एसएम मेहरोब (30) और अश्फिुर जमां (16) ने आठवें विकेट के लिये 50 रन जोड़कर टीम को 100 रन के आगे पहुंचाया.
बल्कि यह वही मैदान है जिसमें अफगानिस्तान ने पहले क्वार्टरफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ अपने 134 रन के कम स्कोर का बचाव किया था. भारत ने टॉस जीता और रवि ने नमी का पूरा फायदा उठाते हुए टीम की मदद की. दूसरे ओवर में रवि ने अपनी इनस्विंगर पर महफिजुल इस्लाम (02) को बोल्ड किया.
बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
उनके सलामी जोड़ीदार इफ्ताखेर हुसैन (01) ने धीमी गेंद पर स्क्वायर कट लगाने की कोशिश की और प्वाइंट पर भारतीय उप कप्तान शेख रशीद को कैच दे बैठे. प्रांतिक नवरोज (07) क्रीज पर सहज नहीं थे और रवि की बाहर जाती गेंद पर बल्ला छुआकर स्लिप में कौशल ताम्बे को कैच देकर पवेलियन पहुंच गये.
आठवें ओवर में बांग्लादेश का स्कोर 14 रन पर तीन विकेट था जिसके बाद उसने लगातार अंतराल पर विकेट गंवा दिये. बायें हाथ के स्पिनर विक्की ओस्तवाल (नौ ओवर में एक मेडन 25 रन देकर दो विकेट) ने भी सटीक गेंदबाजी की और उन्हें खेलना प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाजों के लिये आसान नहीं था. लेकिन बांग्लादेश को इस स्कोर तक रोकने का श्रेय रवि को ही जाता है.