भारत के नौ राज्यों में मानव निर्मित ढांचे को जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा खतरा है। यह राज्य एक नई रिपोर्ट में दुनिया के 50 सर्वाधिक जोखिम वाले राज्यों में शुमार हुए हैं।
पाकिस्तान में हाल में आई बाढ़ से हुई तबाही को इस जोखिम का एक उदाहरण बताया गया है। भारत के बिहार, यूपी, पंजाब आदि को भी ऐसे खतरों की जद में रखा गया है।
क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई) द्वारा दुनिया के 2,600 राज्यों व प्रांतों को कवर कर यह रिपोर्ट साल 2050 को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। रिपोर्ट में मानव गतिविधियों और घरों से लेकर इमारतों तक यानी मानव निर्मित पर्यावरण को जलवायु परिवर्तन व मौसम के चरम हालात से नुकसान के पूर्वानुमान का प्रयास हुआ है। इसी आधार पर रैंकिंग की गई। यहां बाढ़, जंगलों की आग, लू, समुद्र सतह के बढ़ने जैसे खतरे बढ़ने का इशारा किया गया है।
राज्य रैंक
बिहार 22
उत्तर प्रदेश 25
असम 28
राजस्थान 32
तमिलनाडु 36
महाराष्ट्र 38
गुजरात 44
पंजाब 48
केरल 50
मध्यप्रदेश 52
प. बंगाल 60
हरियाणा 62
कर्नाटक 65
आंध्र प्रदेश 86
जम्मू कश्मीर 104
हिमाचल 155
दिल्ली 213
उत्तराखंड 257
बाकी देशों में हालात
पाकिस्तान: 2022 की बाढ़ ने देश का 30% हिस्सा प्रभावित किया। अकेले सिंध में 9 लाख घर तबाह हुए। भविष्य में पंजाब, सिंध और केपीके को टॉप 100 राज्यों में रखा गया है।
चीन: सबसे जोखिम वाले 20 राज्यों में से 16 यहीं हैं। यह जियांग्शु, शेडोंग, हेबेई, गुआंगडोंग, हेनान, झेजियांग, अनहुई, हुनान, शंघाई, लिओनिंग, जियांग्शी, हुबेई, तियानजिन, हेइलोंगजियांग, सिचुआन और गुआंग्शी हैं।
अमेरिका: फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया और टेक्सास टॉप 20 में शामिल हैं। टॉप 100 में 18 राज्य।