अमेरिका ने कहा कि रूस से ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध नहीं है और भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का किसी भी तरह से कोई उल्लंघन नहीं कर रहा है.
अमेरिका का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की वर्चुअल बैठक के बाद आया. इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कई वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार आपस में साझा किए. इस बैठक के बारे में बताते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता बेहद रचनात्मक थी.
जेन साकी ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत बेहद ही सकारात्मक रही. अमेरिका के लिए भारत के साथ संबंध काफी खास है. ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध नहीं है और भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का किसी भी लिहाज से कोई उल्लंघन नहीं करता है. हम निश्चित रूप से मानते हैं कि हर देश भारत के हित में कदम उठाने जा रहा है.
जेन साकी ने कहा कि भारत महज एक से दो फीसद ईंधन रूस से आयात करता है. इसकी तुलना में भारत का अमेरिका से ईंधन आयात लगभग 10 फीसदी है.
जेन साकी ने यह भी बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी को यह भी बात साझा की कि रूस से कच्चे तेल के आयात में बढ़ोतरी भारत के लिए फायदेमंद नहीं है. वहीं अमेरिका भारत को अपने ऊर्जा आयात में और विविधता लाने में मदद करने के लिए तैयार है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पीएम मोदी से यह आश्वासन चाह रहे थे कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद में बढ़ोतरी नहीं करेगा. इसके जवाब में जेन साकी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि भारत रूस से ईंधन आयात बढ़ाना चाहता है. भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं किया है. साकी ने कहा कि भारत के खिलाफ ‘काटसा’ के तहत प्रतिबंध लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.