भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि वह जैविक और विषाक्त हथियार संधि (बीटीडब्ल्यूसी) को महत्व देता है और इसने जोर दिया कि समझौते के तहत कोई भी दायित्व संबंधित पक्षों से परामर्श और सहयोग के आधार पर तय होना चाहिए.
भारत ने जैविक हथियारों के इस्तेमाल पर रोक के महत्व को दोहराया, जो रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को जैविक युद्ध में तब्दील कर सकता है. इसके साथ ही भारत ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनाए गए रुख को कायम रखा है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप-स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा, ‘भारत जैविक और विषाक्त हथियार संधि (बीटीडब्ल्यूसी) को अहम वैश्विक गैर भेदभावपूर्ण और निरस्त्रीकरण सम्मेलन को उच्च महत्व देता है, जो जनसंहार के हथियार की पूरी श्रेणी पर प्रतिबंध लगाता है.’
यूक्रेन की स्थिति से अवगत कराने के लिए शुक्रवार को परिषद की हुई बैठक में उन्होंने कहा कि यह अहम है कि बीटीडब्ल्यूसी को उसके शब्दों और भावों के अनुरूप लागू किया जाए.