भारत ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि वह अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है, क्योंकि युद्धग्रस्त देश में शांति और स्थिरता को लेकर उसका सीधा संबंध है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की अफगानिस्तान को लेकर बैठक में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर. रवींद्रन ने कहा कि हाल ही में आतंकवादी हमलों में सार्वजनिक स्थलों को, जैसे कि धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थान खासकर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया.
रवींद्रन ने कहा, “अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात पर भारत करीब से नजर रख रहा है और अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.” उन्होंने कहा कि भारत निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाए जाने की कड़ी भर्त्सना करता है और रूसी संघ के राजनयिक परिसर पर हमला बेहद निंदनीय है.
रवींद्रन ने कहा कि एक पड़ोसी और अफगानिस्तान के लंबे समय से भागीदार के रूप में भारत का अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को लेकर सीधा संबंध है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की निगरानी टीम से उम्मीद है कि वह दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए युद्धग्रस्त देश को अपने अड्डे के रूप में इस्तेमाल करने वाले आतंकी संगठनों को लेकर रिपोर्ट देना जारी रखेगी.
राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक प्रयास की सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव में सराहना की गई है, जिसे तब स्वीकार किया गया था, जब भारत अगस्त 2021 में परिषद का अध्यक्ष था.
इस प्रस्ताव में एक सुर में मांग की गई है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादियों को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने और उनका वित्त पोषण करने के काम में नहीं होने दिया जाना चाहिए, खासकर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के लिए.