अमेरिकी संसद में होगा भारतवंशियों का बोलबाला, इस बार प्रतिनिधि सभा में चुने गए अमी बेरा समेत छह भारतवंशी सांसद
भारतवंशी अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी संसद में भविष्य में और अधिक भारतवंशियों के चुने जाने की उम्मीद जताई है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वे भविष्य में कांग्रेस में और अधिक भारतवंशियों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। इस बार प्रतिनिधि सभा में भारतीय मूल के छह सांसद चुने गए हैं। इनमें अमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और सुहास सुब्रमण्यम शामिल हैं।
प्रतिनिधि सभा में सबसे वरिष्ठ भारतवंशी सांसद अमी बेरा ने कहा, जब मैंने पहली बार 2013 में पदभार संभाला था, तो मैं कांग्रेस का एकमात्र भारतवंशी सदस्य था और प्रतिनिधि सभा में चुना जाने वाले अब तक का तीसरा सदस्य था। वर्जीनिया से सुहास सुब्रमण्यम के चुनाव के साथ हमारा समूह रिकॉर्ड छह सदस्यों तक बढ़ गया है। मैं भविष्य में और भी अधिक भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।
जयपाल बोलीं- भारतवंशी महिला होने पर गर्व
प्रमिला जयपाल ने कहा, मुझे प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी जाने वाली एकमात्र भारतवंशी महिला होने पर गर्व है। खन्ना, कृष्णमूर्ति, थानेदार और सुब्रमण्यम ने भी विचार रखे। कांग्रेस के पहले भारतवंशी सदस्य दलीप सिंह सौंद थे। उनके बाद ”बॉबी” जिंदल प्रतिनिधि सभा के सदस्य रहे।
ट्रंप के राष्ट्रपति रहने के दौरान उनकी कंपनी विदेशी कंपनियों के साथ कर सकेगी कारोबार: निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के परिवार से जुड़ी कंपनी ने शुक्रवार को एक स्वैच्छिक नैतिकता समझौता जारी किया है। यह कंपनी को निजी विदेशी कंपनियों के साथ सौदे की अनुमति देता है। यह कदम बाहरी ताकतों को नए प्रशासन में प्रभाव हासिल करने में मदद कर सकता है।
यह नैतिकता श्वेत पत्र ट्रंप संगठन को विदेशी सरकारों के साथ सीधे सौदे से रोकता है, लेकिन विदेशों में निजी कंपनियों के साथ सौदे की अनुमति देता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल से यह बड़ा बदलाव है। ट्रंप ने आठ साल पहले जिस नैतिक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, उसमें दूसरे देश की सरकार और विदेशी कंपनी दोनों के सौदों पर रोक लगाई गई थी।
ट्रंप की कंपनी ने की है ये घोषणा
ट्रंप की कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वह उनके निजी वित्तीय हितों को नीति को आकार देने से रोकने के लिए उनके पहले कार्यकाल से कई सुरक्षा उपायों के लिए प्रतिबद्ध होगी। इसमें सौदों की जांच के लिए एक बाहरी नैतिक सलाहकार को नियुक्त करना शामिल है। कार्यकारी उपाध्यक्ष एरिक ट्रंप ने कहा, ”ट्रंप संगठन न केवल बैठक करने के लिए बल्कि मेरे पिता के राष्ट्रपति रहने के दौरान अपने कानूनी और नैतिक दायित्वों को पूरा करने के लिए भी समर्पित है।”
ट्रंप की धमकी के बीच कनाडा जवाबी टैरिफ कार्रवाई की कर रहा तैयारी
अमेरिकी निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ओटावा सीमा पार से ड्रग्स के प्रवाह को रोकने में असफल रहा तो कार्यालय में अपने पहले दिन से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे। इससे कनाडा में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच, सीएनएन की रिपोर्ट में सामने आया है कि कनाडा भी जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि अगर ट्रंप कनाडाई वस्तुओं पर टैरिफ लगाने की योजना पर अमल करते हैं तो कनाडा अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ की विस्तृत सूची के साथ जवाबी कार्रवाई करेगा।दो सूत्रों ने सीएनएन को बताया है कि कनाडाई अधिकारी दर्जनों अमेरिकी उत्पादों की एक सूची पर काम कर रहे हैं, जिन्हें अमेरिका कनाडा को निर्यात करता है। वह उन वस्तुओं को लक्षित कर रहा है, जो बड़े आर्थिक नुकसान के साथ ही राजनीति संदेश दे सकती है।
कनाडा इन उत्पादों पर लगाएगा प्रतिबंध
सूची में सिरेमिक उत्पाद, स्टील उत्पाद, फर्नीचर, बार्बन और जैक डेनियल व्हिस्की जैसे कुछ मादक पेय और अन्य सामान शामिल हैं। कनाडा उन ऊर्जा उत्पादों पर कर लगा सकता है, जो वह अमेरिका को निर्यात करता है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अभी तक कुछ भी तय नहीं है और सूची अंतत: बदल सकती है या बिल्कुल भी लागू नहीं की जा सकती है।
कनाडाई उत्पादों पर टैरिफ लगाते हैं तो इसके दुष्परिणाम होंगे
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने शुक्रवार को ओटावा में कहा था कि मुझे लगता है कि हमें तैयार रहना होगा। जोली ने कहा, ”मुझे लगता है कि जब ट्रंप बात करते हैं, तो हमें उन्हें बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है।” ट्रंप और उन्हें सलाह देने वाले लोगों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि अगर वह कनाडाई उत्पादों पर टैरिफ लगाते हैं तो इसके दुष्परिणाम भी सामने आएंगे।