टाइट कपड़े नहीं पहन सकती ईरानी महिलाएं, मोरल पुलिस करती है निगरानी

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हर देश का ड्रेस कोड एक सांस्कृतिक अंतर दर्शाता है। भले ही यह पहली बार में थोड़ा डराने वाला या अजीब लग सकता है लेकिन अगर आप ऐसे शहर में रह रहे है जहां पहनावे को लेकर सख्त कानून है तो इसका पालन करना जरूरी हो जाता है।

एक इस्लामिक देश होने के नाते, ईरान में एक विशिष्ट ड्रेस कोड है जिसका पालन स्थानिय लोगों के अलावा टूरिस्ट को भी करना होता है। आपको जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है कि ईरान की सड़कों पर ‘नैतिकता पुलिस’ केवल महिलाओं और पुरुषों के ड्रेस को लेकर गश्त लगाती है। अगर कोई भी ड्रेस कोड के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे पहले चेतावनी और फिर उन लोगों को न्यायिक प्रणाली से परिचित कराया जाता है जो इन नियमों का उल्लंघन करते है।

ईरान में ड्रेस कोड नियम और हुए सख्त
बता दें कि ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की ड्रेस कोड उल्लंघन के कारण जेल हिरासत में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद देश में कई हिंसक प्रदर्शन हुए, महिलाएं विरोध में अपने बाल काटते हुए नजर आई। घटना के 10 महीने बीत जाने के बाद ईरान में ड्रेस कोड नियम और भी सख्त हो गए है। सवाल है कि आखिर ये ड्रेस कोड है क्या और ये केवल महिलाओं पर ही लागू होते है या पुरुषों पर भी होते है?

जब लागू हुई मोरैलिटी पुलिस व्यवस्था
इस्लाम से जुड़े कानून और ड्रेस कोड को लागू करने के लिए ‘मोरैलिटी पुलिस’ ईरान में पुलिस व्यवस्था का एक विशेष हिस्सा है। देश की 1979 की इस्लामी क्रांति के तुरंत बाद ईरान में अलग-अलग तरह से मोरैलिटी पुलिस की व्यवस्था को लागू किया गया।

इसमें गश्त-ए-इरशाद ईरानी पुलिस का अहम हिस्सा बना, जिसका काम महिलाओं को हिजाब पहनने पर सख्ती बरतने के साथ-साथ इस्लामिक कानूनों को लागू करवाना है। अधिकारिक तौर पर इसका गठन 2006 में हुआ था। गश्त-ए-इरशाद का काम महिलाओं को छोटे कपड़े या फटी जींस न पहनने से रोकती है। साथ ही हिजाब और पूरा शरीर ढका रहे इसपर जोर देती है।

ईरान के वो इस्लामी नियम, जिसमें हिजाब पहनना हुआ अनिवार्य
इस्लामी नियम के तहत महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है, जिसका इस्लाम में मतलब शालीन पहनावे से है, विशेष रूप से सिर ढकने से। शुरुआत में, ज्यादातर ईरानी महिलाएं ‘चादोर’ पहनती थीं, जो काले कपड़े का एक लंबा टुकड़ा होता था जो उनके पूरे शरीर को सिर से टखने तक ढकता था।

बाद में अधिकांश महिलाएं चादोर की जगह पर ‘मंटेउ’ (एक लंबा कोट) पहनने लगीं और अपने बालों को शॉल (सिर पर दुपट्टा) से ढकने लगीं। जैसे-जैसे समय बीतता गया मंटौस छोटा होता गया और लोगों ने रंग-बिरंगे कपड़े पहनना शुरू कर दिया। आज ईरानी महिलाएं शर्ट और जींस या लंबी स्कर्ट के ऊपर बिना बटन वाली छोटी मंटौस या मंटौस पहनती हैं और अपने सिर को रंगीन शॉल से ढकती हैं।

केवल पब्लिक एरिया में लागू है ड्रेस कोड
ईरान में पब्लिक एरिया में केवल पुरुषों और महिलाओं को ड्रेस कोड का पालन करना आवश्यक है। घर या होटल के कमरे में वह स्वतंत्र रूप से अपने कपड़े का चयन कर सकते हैं। होटल लॉबी, रेस्तरां और ऐतिहासिक स्मारकों जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है।

क्या है महिलाओं का ड्रेस कोड
महिलाओं को ढीला स्वेटर, अंगरखा या मंटू पहनना जरूरी है
आस्तीन कोहनियों तक पहुंचनी चाहिए और पैर टखनों के ठीक ऊपर तक ढके होने चाहिए
जींस, लेगिंग्स, रिप्ड जींस और ढीली स्कर्ट और ड्रेस पहनने की अनुमति है
महिलाओं को अपने बालों को हेडस्कार्फ या शॉल से ढंकना पड़ता है
अपने सिर के अगले हिस्से को दिखाना और शॉल को आधा पहनना स्वीकार्य है
गर्दन को ढंकना भी अनिवार्य नहीं है और शॉल ढीला पहनना अनिवार्य है
ईरान में जूतों को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है और महिलाएं सैंडल, जूते आदि पहन सकती हैं
सभी रंगों की अनुमति है लेकिन पारदर्शी कपड़े पहनना अनिवार्य है

क्या है पुरुषों का ड्रेस कोड
पुरुषों के लिए ईरानी ड्रेस कोड बहुत सरल है। स्लीवलेस शर्ट और शॉर्ट्स को छोड़कर पूरुष किसी भी प्रकार के कपड़े पहन सकते है। ये नियम केवल सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए लागू होते हैं।

इस मुद्दे पर क्या है भारतीय मुस्लिमों की राय?
ईरान में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड से संबंधित विवाद पर भारतीय मुस्लिमों का पक्ष जानने के लिए जब हमने जामा मस्जिद, दिल्ली के जन संपर्क अधिकारी (PRO) से बात की तो उन्होंने इस विषय पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, हमने उनसे इन सवालों पर उनके विचान जानने के लिए सपंर्क किया था। लेकिन , इस विषय पर उन्होंने कुछ भी कहने से बचते रहे और कोई टिप्पणी नहीं की।

ईरान में ड्रेस कोड को लेकर कई कड़े नियम है, मोरल पुलिस हर महिला और पुरुष के पहनावे पर नजर भी रखती है। इस ड्रेस कोड का क्या इस्लाम से कोई संबंध है?
ईरान में जारी ड्रेस कोड पर आपकी क्या राय है?

महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा इन ड्रेस कोड का ध्यान रखना पड़ता है, इससे महिलाओं की आजादी कहीं न कहीं छिन रही है, इस पर आप क्या कहेंगे?

10 महीने पहले ईरान में महसा अमीनी नाम की लड़की ने ठीक से हिजाब नहीं पहना था तो इसलिए उसे हिरासत में ले लिया गया था,अगले ही दिन उसकी मौत हो जाती है। क्या किसी को केवल हिजाब के लिए ऐसे प्रताड़ित करना सही है?
हिजाब को लेकर कुरान में क्या कहा गया है?

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