इजरायली सेना ने मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में जमीनी अभियान फिर से शुरू कर दिया है। सेना की इस कार्रवाई के बाद बुधवार को नेत्जारिम कॉरिडोर के केंद्र पर फिर से नियंत्रण बढ़ गया है। यह गाजा पट्टी को दो भागों में विभाजित करता है।
युद्धविराम घोषित होने के बाद इजरायल ने गलियारे से खुद को अलग कर लिया था। रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने चेतावनी दी कि अगर गाजा में बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो इजरायल इतनी तीव्रता से कार्रवाई करेगा जो आपने पहले कभी नहीं देखी होगी।
इजराइयली हमले में 20 फलस्तीनी मारे गए
वहीं, बुधवार को दूसरे दिन सैन्य कार्रवाई में गाजा में 20 फलस्तीनी मारे गए। एक दिन पहले 400 लोग मारे गए थे। सेना ने कहा कि उत्तरी गाजा में जिस स्थल को निशाना बनाया गया, वहां हमास द्वारा इजरायली क्षेत्र में हमले की तैयारी की जा रही थी।
सेना ने गाजा पट्टी के बेत हनून और खान यूनिस इलाकों में पर्चे गिराए। साथ ही चेतावनी दी कि यहां आपकी जान को खतरा है। इसे तुरंत खाली करें। इस बीच, पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक में जार्डन के राजा अब्दुल्ला ने युद्ध विराम को बहाल करने का आह्वान किया।
इजरायल के लिए मानवता कोई मायने नहीं रखती
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इजरायल सरकार द्वारा 400 से अधिक निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या से पता चलता है कि मानवता उनके लिए कुछ मायने नहीं रखती। वे जितना अधिक आपराधिक कार्य करेंगे, उतना अधिक वे कायर साबित होंगे। चाहे पश्चिमी शक्तियां इसे पहचाने या फलस्तीनी लोगों के नरसंहार में मिलीभगत को स्वीकार करें या नहीं, दुनिया के सभी नागरिक जो विवेकशील हैं वे इसे देख रहे हैं।
वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम गाजा की स्थिति से चिंतित हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी बंधकों को रिहा किया जाए। गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की आपूर्ति जारी रखने का भी आह्वान करते हैं।
गाजा में संयुक्त राष्ट्र परिसर पर इजरायली हमले में एक कर्मी की मौत
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि मध्य गाजा में उसके परिसर पर इजरायली हवाई हमले में एक विदेशी कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के परियोजना सेवाओं के कार्यकारी निदेशक जॉर्ज मोरेरा दा सिल्वा ने कहा कि इजरायल जानता था कि यह संयुक्त राष्ट्र का परिसर है। लोग यहां ठहरे थे और काम कर रहे थे। परिसर में विस्फोटक गिराया गया या फायर किया गया। यह कोई दुर्घटना नहीं थी। इजरायली सेना ने इससे इन्कार किया कि उसने परिसर पर हमला किया था।