राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि विमानों के लिए टिकाऊ ईंधन विकसित करना अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने की दिशा में एक बहुत जरूरी कदम है और विद्युत, हाइड्रोजन एवं हाइब्रिड जैसी नई प्रणोदन प्रौद्योगिकियों को तेजी से बड़े पैमाने पर अपनाने की भी जरूरत है.
मुर्मू ने राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि हवाई-प्रणोदन को कार्बन मुक्त करना कठिन कार्य है, लेकिन ‘‘हमें ऐसा करना होगा क्योंकि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग मनुष्यों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं.”
राष्ट्रपति ने कहा कि टिकाऊ जेट ईंधन का विकास अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने के लिए अत्यावश्यक कदमों में से एक है, लेकिन इसे हासिल करना सबसे कठिन है क्योंकि पारंपरिक ईंधन बहुत उच्च घनत्व वाले होते हैं.
मुर्मू ने कहा, ‘‘इन पारंपरिक ईंधनों की जगह ले सकने वाले गैर-जीवाश्म टिकाऊ संसाधनों को तलाशना प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि हम जलवायु परिवर्तन के खतरे के चरम बिंदु पर पहुंच रहे हैं. हमें कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए बिजली, हाइड्रोजन और हाइब्रिड जैसी नई प्रणोदन प्रौद्योगिकियों को तेजी से बड़े पैमाने पर अपनाने की जरूरत है.”
राष्ट्रपति ने एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.