गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने सोमवार को एक विशेष अदालत में आवेदन दायर कर एनआईए को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि पुलिस और अदालती कागजात में उसके लिए ‘ठोस’ सबूत के बिना ‘आतंकवादी’ और ‘गैंगस्टर’ शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए.
बिश्नोई मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में अहमदाबाद में एक जेल में बंद है. इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है. विशेष न्यायाधीश के.एम. सोजित्रा की अदालत ने मामले में एनआईए से जवाब मांगा और इसे 22 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
गुजरात तट पर एक नाव से मादक पदार्थों की बरामदगी के 2022 के मामले में पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद अदालत ने सोमवार को बिश्नोई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
बिश्नोई गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में भी आरोपी है.
बिश्नोई ने अपने वकील आनंद ब्रह्मभट्ट द्वारा दायर याचिका में कहा, “भारत के नागरिक के रूप में मेरे सबसे कीमती अधिकारों को किसी के द्वारा छीना नहीं जाना चाहिए. कृपया उपरोक्त प्रार्थना के संबंध में आवश्यक आदेश पारित करें.”
बिश्नोई ने अपनी याचिका में कहा कि वह लगभग दस वर्षों तक सलाखों के पीछे है, और “विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों में उसे लगातार गलत तरीके से फंसाया गया.”
याचिका में कहा गया है, “एक आरोपी के रूप में मेरे अधिकारों को किसी भी संबंधित अदालत के समक्ष सम्मानजनक नहीं माना गया है और मुझे एक गैंगस्टर की उपाधि दी गई है और अब हाल ही में मुझे एक आतंकवादी की उपाधि दी गई है.”
बिश्नोई ने कहा कि उसे किसी के द्वारा आतंकवादी या गैंगस्टर के रूप में संबोधित किए जाने पर ‘कड़ी आपत्ति’ है.
बिश्नोई ने कहा कि वह अपनी मातृभूमि से प्यार करता है और अगर उसे ‘न्याय’ मिला तो वह देश के लिए जियेगा और मरेगा.