राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है.
आज सुबह छह बजे कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर दर्ज किया गया. इनमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, जहांगीरपुरी, वजीरपुर, पंजाबी बाग, रोहिणी, सोनिया विहार और पटपड़गंज शामिल हैं. पड़ोसी गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार शहर के कई इलाकों में हल्का कोहरा छाए रहने तथा मौसम गर्म रहने का अनुमान है.
खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI
दिल्ली के इलाके का नाम | AQI @ 6.00AM | कौन सा ‘जहर’ | कितना औसत |
मुंडका | 428 | PM 10 लेवल हाई | 408 |
वजीरपुर | 434 | PM 10 लेवल हाई | 427 |
जहांगीरपुरी | 439 | PM 10 लेवल हाई | 422 |
आरके पुरम | 405 | PM 2.5 का लेवल हाई | 405 |
ओखला | 397 | PM 2.5 लेवल हाई | 397 |
बवाना | 441 | PM 2.5 का लेवल हाई | 441 |
विवेक विहार | 414 | PM 2.5 लेवल हाई | 414 |
नरेला | 404 | PM 2.5 लेवल हाई | 404 |
अशोक विहार | 420 | PM 2.5 का लेवल हाई | 420 |
द्वारका | 391 | PM 2.5 लेवल हाई | 391 |
पंजाबी बाग | 405 | PM 2.5 का लेवल हाई | 405 |
रोहिणी | 440 | PM 2.5 लेवल हाई | 440 |
एक्यूआई 0-50 को ‘अच्छा’ माना जाता है.51-100 को ‘संतोषजनक’ माना जाता है.101-200 को ‘मध्यम’ माना जाता है.201-300 को ‘खराब’ माना जाता है.301-400 को ‘बहुत खराब’ है401-500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी.
केंद्र ने पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना किया
केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के लिए जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी है. पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि वाले किसानों के लिए पराली जलाने पर अब जुर्माना राशि 30,000 रुपये तक हो गई है.अधिसूचना के अनुसार, दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को अब पराली जलाने पर 2,500 रुपये की जगह 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. वहीं दो से पांच एकड़ के बीच भूमि वाले किसानों पर 5,000 रुपये के बजाय 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
वहीं दिल्ली सरकार अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में धूल प्रदूषण से निपटने के साथ-साथ प्रमुख प्रदूषकों से संबंधित डेटा एकत्र करने के लिए तीन ‘मिस्ट स्प्रे ड्रोन’ किराये पर लेने जा रही है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन ड्रोन को 13 चिन्हित प्रदूषण स्थलों पर पानी का छिड़काव करने तथा वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.