मनरेगा श्रमिकों को एनएसीएच और एबीपीएस के जरिये 31 दिसंबर तक जारी रहेगा भुगतान, सरकार ने बढ़ाई समय सीमा

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ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत आधार आधारित भुगतान प्रणाली के माध्यम से श्रमिकों को अनिवार्य वेतन देने की समय सीमा इस साल 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है।

इससे कुछ दिन पहले एक अधिकारी ने कहा था कि यह निर्णय लिया गया है कि समय सीमा अब और नहीं बढ़ाई जाएगी। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) की प्रगति की समीक्षा की गई।

वेतन भुगतान की बढ़ाई गई सीमा
इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि वेतन भुगतान का संयुक्त माध्यम (एनएसीएच और एबीपीएस से) 31 दिसंबर 2023 तक या अगले आदेश तक बढ़ाया जाएगा। इस साल जनवरी में मनरेगा के तहत आधार आधारित भुगतान प्रणाली के माध्यम से भुगतान अनिवार्य करने का आदेश जारी किया गया था।

पहले 31 अगस्त तक थी समय सीमा
सरकार ने पहले एक फरवरी की समय सीमा तय की थी, जिसे बाद में 31 मार्च तक, फिर 30 जून तक और अंतत: 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। बयान में यह दोहराया गया कि काम के लिए आने वाले लाभार्थियों से आधार नंबर देने का अनुरोध किया जाना चाहिए, लेकिन इस आधार पर काम दिये जाने से इन्कार नहीं किया जाएगा।

लोगों को वंचित रखने के लिए आधार को हथियार न बनाए सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से लोगों को वंचित रखने के लिए आधार एवं प्रौद्योगिकी का हथियार के रूप में उपयोग बंद करना चाहिए।

पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मनरेगा के तहत काम करने वालों को मजदूरी का भुगतान होना चाहिए। इस व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सोशल आडिट कराने तथा खुली नामावली की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए।

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