हाल के वर्षों में अपने युद्ध कौशल के सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक में, भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक मिशन को अंजाम दिया जिसके तहत दो विमान वाहक, कई युद्धपोत, पनडुब्बियों और 35 से अधिक अग्रिम पंक्ति के विमानों ने हिस्सा लिया.
हिंद महासागर में चीन से बढ़ती चुनौतियों के बीच भारतीय नौसेना ने यह व्यापक अभ्यास किया. नौसेना के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत इस अभ्यास के केंद्रबिंदु थे.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘अभ्यास हिंद महासागर और उससे आगे समुद्री सुरक्षा व शक्ति-प्रक्षेपण को बढ़ाने की भारतीय नौसेना की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.” अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास हाल ही में आयोजित किया गया.
नौसेना ने कहा कि शक्ति प्रदर्शन के दौरान उसने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और समुद्री क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना ने अरब सागर में 35 से अधिक विमानों के साथ मिशन को अंजाम दिया है, जो विशाल समुद्री विस्तार में निरंतर हवाई संचालन सुनिश्चित करने में उसकी जबरदस्त क्षमता का प्रदर्शन करता है और भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.”
नौसेना ने कहा, ‘‘भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत कर रहा है और देश की रक्षा रणनीति को आकार देने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में विमान वाहक पोत का महत्व सर्वोपरि रहेगा.”