18वीं लोकसभा (Lok Sabha) में सदस्यों के सीटों का आवंटन कर दिया गया है.
परंपरा के मुताबिक ही सीट नंबर 1 सदन के नेता को आवंटित किया गया है जो अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इसी तरह बाक़ी सदस्यों का भी सीट आवंटित कर दिया गया है. सीटों का आवंटन सदन में पार्टी की सदस्य संख्या और सदस्यों की वरिष्ठता के आधार पर किया जाता है.
सीट के सामने लगेगा नेमप्लेट
इस बार जो सीटों का आवंटन हुआ है उसमें एक नई पहल की गई है. इस बार सीटों के आगे सदस्यों का नाम भी लिखा जाएगा. इतना ही नहीं, नाम के साथ सभी सांसदों को मिलने वाला डिवीजन नंबर भी नाम के साथ लिखा होगा. सूत्रों के मुताबिक़ सांसदों के नेम प्लेट लगाने का काम शुरू किया जा चुका है. हर सदस्य की सीट के आगे नाम लिखने का फ़ायदा ये होगा कि आसानी से उन्हें पहचाना जा सकेगा और हर सांसद अपनी सीट पर बैठ कर ही अपनी बात रख पाएंगे.
डिविजन नंबर से होता रहा है आवंटन
दरअसल सांसद बनने के बाद हर सांसद को एक डिवीजन नंबर दिया जाता है और जब लोकसभा में उसके सीट का आवंटन हो जाता है तो उस सीट को सांसद के डिवीजन नंबर से ही जाना जाता है. हालांकि इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है. जब सदन में किसी मुद्दे पर वोटिंग करवाई जाती है तो हर सांसद अपना वोट अपने डिवीजन नंबर से दर्ज करवाता है जिसे कई बार हम सदन में लगे इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर देखते भी हैं.
टीएमसी और कांग्रेस को है आपत्ति
हालांकि जैसा हर बार होता है, इस बार भी सीटों के आवंटन को लेकर विपक्ष की कुछ पार्टियों को आपत्ति है. सूत्रों के मुताबिक़ लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को सबसे आगे वाली पंक्ति में तो जगह मिली है लेकिन उनकी पार्टी के बाक़ी सांसदों को उनके पीछे वाली सीट नहीं दी गई है. टीएमसी के बाक़ी सांसदों को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के पीछे वाली सीट आवंटित की गई है. दोनों केंद्रीय मंत्रियों को सबसे आगे की पंक्ति में जगह दी गई है. अब टीएमसी की आपत्ति है कि उनके नेता कहीं और बैठेंगे जबकि उनकी पार्टी के सांसद कहीं और.
अखिलेश यादव की सीट को लेकर कांग्रेस नाखुश
उसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सीट को लेकर भी आपत्ति है, ख़ासकर कांग्रेस पार्टी को. अखिलेश यादव को भी सबसे आगे की पंक्ति में जगह दी गई है लेकिन उन्हें कांग्रेस नेताओं से अलग बिठाया गया है जिससे कांग्रेस नाखुश है. कांग्रेस चाहती है कि अखिलेश यादव को भी राहुल गांधी और आगे की पंक्ति में बैठने वाले पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बिठाया जाए , ताकि एकजुटता का संदेश दिया जा सके. सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार के सामने उठाएगी.