दिल्‍ली में शीतलहर के साथ हो सकती है नववर्ष की शुरुआत, चार-पांच दिनों में घने कोहरे की भी संभावना

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दिल्ली में 15 दिन में पहली बार शुक्रवार को न्यूनतम तापमान दहाई अंक तक पहुंच गया, लेकिन यह राहत जल्द ही खत्म होने का अनुमान जताया गया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि हिमालय से चलने वाली बर्फीली हवाएं उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी लाएंगी. आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘अगले चार-पांच दिनों के दौरान इस क्षेत्र में घना कोहरा होने की संभावना है. एक जनवरी से उत्तर-पश्चिमी भारत में शीत लहर शुरू होने का अनुमान है.”

दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 10.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह इस माह का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान भी रहा.

दिल्ली में अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा और 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

उत्तर भारत में लोगों को ठंड से राहत मिलने के लिए पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार माना जा सकता है.

मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने के साथ ही नए साल की पूर्व संध्या पर शनिवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में शीत लहर और तेज ठंड की स्थिति बन सकती है तथा जनवरी की शुरुआत में ठंड और तेज हो जाएगी.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार शनिवार को पारा छह डिग्री सेल्सियस और सोमवार (दो जनवरी) तक चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा. एक से चार जनवरी तक दिल्ली के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाने और शीतलहर चलने का अनुमान है.

एक ठंडा दिन वह होता है, जिसमें न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस कम या इसके बराबर, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है. वहीं, अत्यधिक ठंडा दिन वह होता है, जिसमें अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज किया जाता है.

आईएमडी के अनुसार, ‘बहुत घना’ कोहरा तब होता है जब दृश्यता 0 और 50 मीटर के बीच होती है, 51 और 200 मीटर ‘घना’, 201 और 500 मीटर ‘मध्यम’ और 501 और 1,000 मीटर ‘उथला’ कोहरा होता है.

मैदानी इलाकों में यदि न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या फिर 10 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो जाता है, तो मौसम विभाग शीत लहर की घोषणा करता है.

वहीं, गंभीर शीतलहर का दौर तब माना जाता है, जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य तापमान से इसका अंतर 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है.

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