आतंक पर वार: 10 राज्यों में PFI के ठिकानों पर NIA और ED ने बोला धावा, 100 से अधिक लोग गिरफ्तार

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आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु, केरल समेत 10 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की है।

छापेमारी के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें यूपी, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश समेत 10 राज्य शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

पीएफआई अध्यक्ष के घर पर छापेमारी, जांच एजेंसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
NIA और ED ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में OMA सलाम, PFI अध्यक्ष के घर पर छापेमारी की। इस दौरान PFI कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा कर्नाटक के मंगलुरु में भी NIA की छापेमारी के खिलाफ PFI और SDPI के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इन्हें हिरासत में ले लिया गया है।

राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी
पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। संगठन ने एक बयान में कहा कि असहमति की आवाज को दबाने के लिए फासीवादी शासन द्वारा एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल करने के कदमों का हम कड़ा विरोध करते हैं।

तमिलनाडु के डिंडीगुल में छापेमारी
एनआईए के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की। पीएफआई के 50 से ज्यादा सदस्यों ने एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

असम से नौ पीएफआई से जुड़े लोग हिरासत में
असम पुलिस ने राज्य भर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि, कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्य भर में 9 लोगों को हिरासत में लिया।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) क्या है?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है।

देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।

यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।

इससे पहले 18 सितंबर को भी हुई थी छापेमारी
बता दें कि इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे। बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में 23 से ज्यादा टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं।

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