हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में बर्फबारी से जनजीवन बाधित, उत्तर भारत में बारिश से बढी ठंड

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हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बुधवार को बर्फबारी से सामान्य जनजीवन बाधित रहा और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश से क्षेत्र में ठंड बढ़ गयी.

भारत मौसम विभाग विभाग (आईएमडी) पूरे देश में फरवरी में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है. आईएमडी के अनुसार, उत्तर भारत में दिसंबर और जनवरी में सामान्य से अधिक शुष्क मौसम के बाद फरवरी में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. बुधवार को हिमाचल प्रदेश के आदिवासी इलाकों और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में साल की पहली भारी बर्फबारी के कारण सामान्य जनजीवन बाधित हुआ और चार राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 134 सड़कों को बंद करना पड़ा.

मौसम विभाग के एक अधिकारी संदीप शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मंगलवार रात से शिमला जिले के ऊपरी इलाकों में करीब 15 सेंटीमीटर तक की बर्फबारी दर्ज की गयी. स्थानीय मौसम कार्यालय ने 31 जनवरी और एक फरवरी को पांच जिलों -शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल और स्पीति में भारी हिमपात और बारिश की ओरेंज चेतावनी जारी की है.

दिल्ली के कुछ हिस्सों में बुधवार को हल्की बारिश से ठंड बढ़ गयी और शहर में अधिकतम तापमान मौसम के औसत से चार डिग्री नीचे 18.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. आईएमडी के अनुसार, बूंदाबांदी के बाद शहर के अधिकतम तापमान में काफी गिरावट हुई है जो मंगलवार को 21.4 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले करीब तीन डिग्री कम है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से एक डिग्री नीचे 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

मौसम कार्यालय ने शहर में गरज के साथ छीटें पड़ने और रात तक 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान जताया है. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर जोजिला अक्ष रेखा समेत ऊपरी इलाकों में फिर बर्फबारी हुई जबकि मैदानी हिस्सों में बारिश हुई.

स्थानीय मौसम कार्यालय ने जम्मू कश्मीर के छह जिलों पुंछ, बारामूला, बांदीपुरा, कुपवाड़ा, डोडा और गांदरबल के लिए हिमस्खलन की चेतावनी भी जारी की है. उत्तराखंड मौसम विभाग ने बुधवार को अगले 24 घंटे के लिए राज्य के पर्वतीय इलाकों में कुछ हिस्सों में भारी बारिश, हिमपात और गरज के साथ छीटें पड़ने के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

आईएमडी ने फरवरी में सामान्य से अधिक (दीर्घकालिक औसत से 122 प्रतिशत से अधिक) बारिश होने का अनुमान जताया है. दीर्घकालिक औसत (एलपीए) एक निर्धारित समयावधि में किसी क्षेत्र में दर्ज की गयी औसत बारिश है. आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बृहस्पतिवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हल्की बारिश की संभावना है.

मौसम विभाग के प्रमुख और वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘दो फरवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ का अनुमान है जिससे दिल्ली के मौसम में संभावित बदलाव आएगा.” उन्होंने बताया कि चार और पांच फरवरी के बाद घना कोहरा कम होगा और मौसम में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिलेंगे.

श्रीवास्तव ने बताया कि हालांकि, सुबह और शाम घना कोहरा बना रहेगा. दिल्ली में पंजाबी बाग, नजफगढ़, द्वारका, दिल्ली छावनी, पालम, सफदरजंग, लोधी रोड और आईजीआई हवाई अड्डा समेत अन्य हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई.

बूंदाबांदी से राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे के स्तर में सुधार आया. बुधवार सुबह शहर में कोहरे की एक मोटी परत छायी थी जिससे विमान और रेल यातायात पर असर पड़ा था. अधिकारियों ने बताया कि सुबह 6.30 बजे इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर शून्य दृश्यता दर्ज की गई और क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा. कोहरे की यह स्थिति सुबह करीब नौ बजे तक बनी रही.

एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह खराब मौसम के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ और करीब 100 उड़ानों में विलंब हुआ. उन्होंने बताया कि एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान समेत कम से कम 5 उड़ानों को परिवर्तित किया गया जबकि कई को रद्द किया गया.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घने कोहरे के कारण कई रेलगाड़ियों में विलंब हुआ. मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के मुख्य मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने जनवरी में पिछले 74 वर्षों में अपना दूसरा सबसे कम मासिक औसत अधिकतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया.

जनवरी 2003 में सबसे कम औसत मासिक अधिकतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. मंगलवार तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी में औसत न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा जो 13 साल में सबसे कम है.

दिल्ली में इस बार दिसंबर-जनवरी के दौरान 20 दिन तक दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुल 128 घंटे तक ‘‘घने से बहुत घना कोहरा” रहा और दृश्यता 200 मीटर से भी कम रही जो 10 वर्ष में तीसरी बार सबसे अधिक है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण तीन फरवरी तक मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है.

इस बीच, दिल्ली में बारिश के बावजूद शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 386 दर्ज किया गया है जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में फरवरी के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है.

आईएमडी ने बताया कि जनवरी 2024 के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत में वर्षा 3.1 मिलीमीटर के साथ 1901 के बाद दूसरी बार सबसे कम रही. मौसम विज्ञान के सात उप-मंडलों वाले उत्तर भारत में फरवरी में सामान्य से अधिक (दीर्घकालिक औसत से 122 प्रतिशत से अधिक) बारिश होने का अनुमान जताया गया है.

आईएमडी के अनुसार पूर्वोत्तर, मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है. इसके अनुसार देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम, पश्चिम मध्य, उत्तर-पूर्व और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में फरवरी में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान लगाया है. विभाग ने बताया कि प्रायद्वीपीय भारत के ज्यादातर हिस्सों और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य और सामान्य से कम रहने का अनुमान है.

उसने बताया, ”फरवरी के दौरान मध्य भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम शीत लहर वाले दिन होने की संभावना है.” महापात्र ने बताया कि ज्यादातर मॉडल जुलाई-सितंबर के आसपास ला नीना स्थितियों का संकेत देते हैं, जिन्हें भारतीय दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए अनुकूल माना जाता है.

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