अब न्यूजीलैंड ने साइबर जासूसी के लिए चीन पर साधा निशाना, एक दिन पहले अमेरिका-ब्रिटेन ने सात हैकरों पर लगाया था प्रतिबंध

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न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्री ने मंगलवार कहा कि चीन की सरकार से जुड़े हैकरों ने सरकार प्रायोजित आपरेशन शुरू कर 2021 में न्यूजीलैंड की संसद को निशाना बनाया।

अभी एक दिन पहले ही अमेरिका और ब्रिटेन ने अमेरिकी अधिकारियों, पत्रकारों, निगमों और लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ ब्रिटेन की चुनाव निगरानी संस्था को निशाना बनाने के लिए सात हैकरों पर आपराधिक आरोप व प्रतिबंध लगाए हैं।

माना जाता है कि सभी हैकर्स चीन में रहते हैं। न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्री जूडिथ कोलिन्स ने कहा कि कहीं भी लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के लिए साइबर सक्षम जासूसी अभियानों का उपयोग अस्वीकार्य है।

न्यूजीलैंड चीन पर प्रतिबंध लगाने में नहीं करेगा अमेरिका और ब्रिटेन का अनुसरण
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को न्यूजीलैंड की संसदीय संस्थाओं को निशाना बनाने वाली दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों व चीन से जुड़ी राज्य-प्रायोजित इकाई के बीच संबंध मिला है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड चीन पर प्रतिबंध लगाने में अमेरिका और ब्रिटेन का अनुसरण नहीं करेगा। इसका प्रमुख कारण न्यूजीलैंड के पास इस तरह के दंड की अनुमति देने वाला कोई कानून नहीं है और न ही कोई कानून लाने की योजना है।

ब्रिटेन ने चीनी दूतावास के प्रभारी को किया तलबलंदन
ब्रिटिश लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ चीन सकार द्वारा समर्थित साइबर गतिविधियों की निंदा करने के लिए लंदन में चीनी दूतावास के प्रभारी को तलब किया। ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने देश के लोकतांत्रिक संस्थानों और सांसदों के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों करने के लिए चीन समर्थित संगठनों और व्यक्तियों की निंदा की।

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