चीन में हर दिन एक करोड़ से ज्यादा लोग कोविड संक्रमित हो रहे हैं, जबकि जबकि 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले 90 दिनों में चीन में करीब 90 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आएंगे और 10 लाख के करीब जान गंवा सकते हैं। वहीं, रविवार को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के नए फरमान के मुताबिक अब चीन में कहीं भी कोविड संक्रमण का हिसाब भी नहीं रखा जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उन्हें बीते कई सप्ताह से चीन की तरफ से कोविड संक्रमण के आंकड़े नहीं मिले हैं। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के लिए कोविड की चरम लहर के दौरान संक्रमण का हिसाब-किताब रख पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। वहीं, कैपिटल ईकोनॉमिक्स के शोधकर्ताओं के मुताबिक चीन की सरकार संक्रमण की रोकथाम के किसी भी प्रयास में रुचि नहीं ले रही है। उधर, चीन के पू्र्वी प्रांत झेजियांग के प्रशासन के अनुसार रविवार को संक्रमण के करीब 10 लाख मामले आए हैं। इसके अलावा यहां संक्रमण हर दिन दोगुना हो रहा है। प्रशासन का कहना है कि यहां जल्द ही कोविड संक्रमण चरम पर होगा। एजेंसी
चीन में कोविड के बढ़ते आंकड़ों के पीछे दुनियाभर के विशेषज्ञों ने वहां की जीरो कोविड पॉलिसी को बताया है। विशेषज्ञों को कहना है कि सख्त प्रतिबंधों के चलते पहले तो लोगों को घरों में कैद रखने की वजह से यहां हर्ड इन्युनिटी विकसित नहीं हो पाई, उसके बाद एक साथ प्रतिबंधों को हटाने के कारण संक्रमण इतनी तेजी से फैला। उधर, चीन सरकार ने अब अघोषित रूप से संक्रमण के प्रसार को में दखल नहीं देने का फैसला किया है। सरकारचाहती है कि जल्द से जल्द, ज्यादा से ज्यादा लोग संक्रमित हों, ताकि हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो सके।
कई शहरों के श्मशानों में 24 घंटे लगी कतारों की तस्वीरों के बावजूद चीन के रोग नियंत्रण व शमन केंद्र (सीसीडीसीपी) का दावा है कि शनिवार तक बीते पांच दिन में कोविड संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है। उधर, कोविड संक्रमण की वजह से परिजनों को खोने वाले लोगों का कहना है कि लंबे समय से यह प्रथा चली आ रही है कि कोविड से जान गंवाने वालों के मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत की वजह निमोनिया या श्वसन तंत्र की नाकामी बताई जा रही है। वहीं, अमेरिका के मशहूर महामारी विशेषज्ञ एरिग फीगल डिंग ने कहा कि आने वाले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी आबादी, यानी करीब 90 करोड़ करोड़ लोग कोविड संक्रमण की चपेट में होंगे।
दुनिया के लिए बढ़ा रहा खतरा
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में सार्वजनिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञ प्रोफेसर मार्टिन मैककी ने कहा कि चीन ने जिस तरह से संक्रमण के सामने समर्पण किया है, उससे दुनिया के लिए खतरा बढ़ गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. साइमन क्लार्क कहते हैं कि चीन विकसित देशों की टाइमलाइन से काफी पीछे चल रहा है। लेकिन, अब सभी देशों के सामने फिर से पहले जैसा संकट हो सकता है।