भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में राजनीतिक संकट का दौर जारी है. इसी बीच खबर है कि देश में बुधवार यानी आज से संसद सत्र शुरू होने जा रहा है.
इस दौरान प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. शनिवार को ही विपक्ष के नेता सजीत प्रेमदास ने कहा था कि पीएम राजपक्षे के खिलाफ देश की संसद के अगले सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.
सजीत प्रेमदास ने ये जानकारी कोलंबो पेज को दी. प्रेमदासा ने 11 अप्रैल को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे.
कोलंबो पेज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने डिप्टी स्पीकर पद के लिए दिलन परेरा को नामित करने की योजना बनाई है, जिनके नामांकन का मुख्य विपक्षी दल एसजेबी विरोध कर रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ऐसी स्थिति बनती है तो विपक्षी सदस्यों के एक समूह ने सांसद अनुरा प्रियदर्शन यापा को उपाध्यक्ष पद के लिए नामित करने पर भी चर्चा की.भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती के कारण श्रीलंका आजादी के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. जिसकी वजह से लोगों की जिंदगी काफी प्रभावित हुई. नतीजतन सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए.
हालांकि सरकार मंदी की वजह COVID-19 महामारी को बता रही है. सरकार का कहना है कि कोविड की वजह से देश का पर्यटन पूरी तरह बर्बाद हो गया. विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण, श्रीलंका ने हाल ही में अपने संपूर्ण विदेशी ऋण को न चुकाने की बात कही थीं. आर्थिक स्थिति के कारण देशभर में लोग प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के अध्यक्ष मैत्रीपाला सिरिसेना ने रविवार को पोलोन्नारुवा में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित रैली को संबोधित करते हुए देश में नए सिरे से चुनाव कराने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राजनेताओं को ऐसे समय में लोगों का पक्ष लेना चाहिए जब देश एक बड़ी त्रासदी का सामना कर रहा है. उन्होंने देश में नई सरकार बनाने पर खासा जोर दिया.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि जब देश में हजारों की संख्या में लोग संकट में हैं तो वह घर पर नहीं रह सकते. पूर्व राष्ट्रपति ने साथ ही चेताते हुए कहा कि यदि वर्तमान नेता बने रहे, तो ऐसी स्थिति होगी जहां लोग घर पर मर ही जाएंगे. देश में दो या तीन लाख लोग पहले से ही भूख से मर रहे थे और उन्हें पूरे देश के लोगों के फोन आ रहे थे, जो भोजन मांग रहे हैं.