श्रीलंका में आर्थिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. देश में पेट्रोल खत्म होने की कगार पर है.
प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि उनके देश में महज एक दिन का ही स्टॉक बचा है. नए प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ये बात कही है.उन्होंने कहा कि सरकार तेल के तीन शिपमेंट के भुगतान के लिए डॉलर जुटाने में भी असमर्थ है. भुगतान के लिए कोलंबो बंदरगाह के बाहर जहाज इंतजार कर रहे हैं.
श्रीलंका अपने अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जहां रिकॉर्ड मुद्रास्फीति और लंबे समय तक बिजली बंद रहने के दौरान 22 मिलियन लोगों को भोजन, ईंधन और दवाओं को सुरक्षित करने के लिए गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि महिंदा राजपक्षे को सरकार द्वारा आर्थिक संकट से निपटने के लिए हफ्तों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. गुरुवार को ही विक्रमसिंघे ने नए प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया है.
विक्रमसिंघे ने कहा, “अगले कुछ महीने हमारे जीवन के सबसे कठिन महीने होंगे. मुझे सच छिपाने और जनता से झूठ बोलने की कोई इच्छा नहीं है.” हालांकि, उन्होंने लोगों से अगले कुछ महीनों को धैर्यपूर्वक सहन करने का आग्रह किया और कसम खाई कि वह संकट से उबरेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार के पास 14 लाख सरकारी कर्मचारियों को मई में उनके वेतन का भुगतान करने के लिए नकदी की कमी हो गई है और वह अंतिम उपाय के रूप में पैसे की छपाई की ओर रुख करेंगे.
उन्होंने कहा, “अपनी मर्जी के खिलाफ मैं राज्य क्षेत्र के कर्मचारियों को भुगतान करने और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के लिए पैसे छापने की अनुमति देने के लिए मजबूर हूं.”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ईंधन और बिजली की दरें काफी हद तक बढ़ाई जाएंगी और उनकी सरकार घाटे को कम करने के लिए अपने घाटे में चल रहे राष्ट्रीय वाहक को भी बेच देगी.