गुजरात हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक धर्मेंद्रसिंह जडेजा के खिलाफ राज्य के देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया की एक अदालत में लंबित 2007 के आपराधिक मामले को वापस लेने की मांग वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी.
जस्टिस निराल आर मेहता ने कहा कि मामले में विशेष लोक अभियोजक की ओर से दाखिल याचिका में कोई दम नहीं है. उच्च न्यायालय ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह याचिका विशुद्ध रूप से राजनीतिक हित के साथ दायर की गई और इसलिए, यह कानूनी प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है.”
जामनगर (उत्तर) के तत्कालीन कांग्रेस विधायक जडेजा को 2017 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. वह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे और उन्होंने 2017 के चुनाव में जामनगर (उत्तर) से जीत हासिल की थी.
वर्तमान मामले में, जडेजा पर जिले के खंभालिया तालुका में निजी कंपनी के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान कंपनी दफ्तर पर पथराव करने वाली भीड़ में शामिल होने का आरोप है. जडेजा और 45 अन्य लोगों पर दंगा करने, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने और आपराधिक धमकी देने समेत कई आरोप लगाए गए थे.