आज संविधान दिवस समारोह में शामिल होंगे पीएम मोदी, वेबसाइट की करेंगे शुरूआत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में भाग लेंगे। 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ई-कोर्ट परियोजना की शुरुआत करेंगे। इसके तहत वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल एप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट शुरू करेंगे।

बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की मुख्य भूमिका थी
बता दें, 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान लागू किया गया था। जिसके बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हर कोई जानता है कि भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की मुख्य भूमिका थी। उन्हें देश के संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है लेकिन संविधान को तैयार करने में बाबा साहब की मदद करने वाली महान विभूतियों के बारे में शायद आप न जानते हों। संविधान सभा में 15 महिलाएं भी शामिल थीं। संविधान सभा में कुल 379 सदस्य थे।

सुप्रीम कोर्ट के जज को कहा आतंकी, याचिकाकर्ता को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता की ओर से शीर्ष अदालत के जज के लिए ‘आतंकवादी’ के संबोधन पर नाराजगी जताई। रजिस्ट्री को उसे कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने पूछा, उस पर जज का अपमान करने के लिए आपराधिक अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने आरोपों को निंदनीय करार देते हुए याचिकाकर्ता से कहा, आपको कुछ महीनों के लिए जेल भेज देना चाहिए तब आपको महसूस होगा। आप सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ यूं ही कोई आरोप नहीं लगा सकते। पीठ लंबित सेवा मामले में जल्द सुनवाई की मांग करने वाले आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश एक वकील ने फाइल देखने के बाद पीठ को बताया कि उसने याचिकाकर्ता से इस तरह के बयान देने के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने माफी मांग ली। उसने कोर्ट को बताया कि आवेदन दाखिल करते वक्त वह बेहद मानसिक तनाव से गुजर रहा था। एजेंसी

पीठ ने पूछा, आखिर जज का इस कार्यवाही से क्या लेना-देना? आप उसे आतंकी कह रहे हैं। क्या यह किसी न्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाने का तरीका है? पीठ ने कहा, ऐसा सिर्फ इसलिए कि वह आपके राज्य से हैं आप ऐसे आरोप नहीं लगा सकते। यह चौंकाने वाला है। पीठ ने कहा, हम जल्द सुनवाई का आवेदन स्वीकार नहीं करेंगे।

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