अंकिता हत्याकांड में एक्शन में पुलिस,आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत केस दर्ज

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उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जेल में बंद आरोपियों पर रविवार को पुलिस ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.

यहां पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पौडी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने कार्यभार संभालते ही एक आदेश जारी कर पौडी के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रेम लाल टम्टा और लक्ष्मण झूला के थाना प्रभारी को तत्काल हत्याकांड के आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

आदेश पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों के विरुद्ध 2/3 उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज किया गया. दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि आरोपी गिरोह का सरगना आर्य तथा गिरोह के सदस्य भास्कर एवं गुप्ता रिजॉर्ट तथा उसके आसपास के क्षेत्र में अनैतिक व्यापार जैसे अपराधों में संलिप्त होकर अवैध रूप से धन अर्जित कर समाज विरोधी कार्य करते थे.

इसमें यह भी कहा गया है कि आरोपियों ने क्षेत्र में जघन्य अपराध को अंजाम देकर लोक शांति व्यवस्था को अस्त-व्यस्त किया. पौड़ी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 व​र्षीय अंकिता की सितंबर माह में रिजॉर्ट संचालक आर्य ने अपने दो कर्मचारियों (गुप्ता और भास्कर) के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में कथित रूप से धक्का देकर हत्या कर दी थी.

पुलिस को मामला सौंपे जाने के बाद तीनों आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार लिया था. हालांकि, मुख्य आरोपी आर्य के पिता विनोद आर्य के सत्ताधारी भाजपा से जुड़े होने की बात फैलते ही आक्रोशित स्थानीय लोग सड़कों पर आ गए जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित कर दिया था.

भाजपा ने भी विनोद आर्य को तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. अंकिता हत्याकांड में राजस्व पुलिस की भूमिका और फिर बुलडोजर से रिजॉर्ट का कुछ हिस्सा तोड़े जाने की घटना से असहज स्थिति में आयी राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही पौड़ी के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह का तबादला कर दिया था.

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